लोहिया कॉलेज के वनस्पति शास्त्र विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर आयोजित वेबीनार में जुटे दुनियाभर के वनस्पति शास्त्री

0
274

चूरू। लोहिया महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्रा विभाग की ओर से शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर एक आनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में दुनियाभर के वनस्पति शास्त्रियों ने शिरकत करते हुए अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि हमें हर उस काम का विरोध करना होगा, जो पर्यावरण विरोधी हो। विभाग के प्रभारी डॉ शेर मोहम्मद ने बताया कि इस वेबीनार में 493 प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। वेबीनार में अमेरिका से प्रो. केसी शर्मा जुड़े तथा जोधपुर विश्वविद्यालय से प्रो. डॉ पवन कसेरा और लोहिया महाविद्यालय के भूगोल विभाग के डॉ एम. एम. शेख मुख्य वक्ता रहे। सभी वक्ताओं ने पर्यावरण के बारे में अपने विचार प्रकट किए। सभी का यह मत था कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सबसे पहला काम जो हमें करना है वह है अधिक से अधिक वृक्षारोपण। हर एक मानव का यह कर्तव्य होना चाहिए कि वह अपने स्तर पर पौधों को कटाई रोके। इसके लिए हमें जोधपुर जिले के बिश्नोई समाज के लोगों द्वारा खेजड़ी की रक्षा के लिए किए गए बलिदान, उत्तराखंड के चिपको आंदोलन का अनुसरण करना चाहिए। प्रो. शर्मा ने बताया कि आज पर्यावरण को बचाने के लिए हमें इस बात का निश्चय करना होगा कि हम देश में प्रत्येक शहर व गांव में हरे वृक्षों को काटने से रोकना होगा और उस हर कार्य का विरोध करना होगा जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। डॉ पवन कसेरा ने इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरण की रक्षा किसी एक राष्ट्रीय समूह का दायित्व नहीं है। विकासशील देशों को प्रदूषण की चुनौतियों का मुकाबला करना पड़ता है। उष्ण कटिबंधीय वनों से वर्षा के गायब होने, जंतु व पादप प्रजातियों के विलुप्त होने और वर्षा प्रणाली में परिवर्तन होने से संपूर्ण मानव पीड़ित होगा। सभी देशों को प्रवृत्तियों के परिवर्तन में भूमिका निभानी होगी और एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय आर्थिक तंत्रा बनाना होगा जो कि असमानता को बढ़ाने के बजाय घटाए और गरीबों की संख्या बढ़ाने की अपेक्षा घटाए। डाॅ एम. एम. शेख ने बताया कि खेती में हम जो हानिकारक रसायनिक पदार्थों का उपयोग करते हैं उनको हर हाल में रोकना चाहिए। इसके कारण हमारी मिट्टी का उपजाऊपन दिन-प्रतिदिन कम हो रहा है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. दिलीप सिंह पूनिया ने महाविद्यालय द्वारा पर्यावरण सरंक्षण में किए जा रहे किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। विभाग प्रभारी डाॅ शेर मोहम्मद ने कहा कि यदि पृथ्वी का अस्तित्व बचाना है व पर्यावरण में सुधार लाना है तो हमें पौधों की कटाई को हर हाल में रोकना होगा। इनका कहना है कि पेड़ों की कटाई को रोकना बेहद जरूरी है। वो पेड़-पौधे ही हैं जो वातावरण की हानिकारक गैसों को अवशोषित कर हमें प्राणवायु देते हैं। आज प्रत्येक व्यक्ति के लिए चिन्तन का विषय है कि अंधाधुंध कटाई से मरूस्थलों में अनेक प्रजाति के पौधे विलुप्त हो चुके हैं, जिससे बहुपयोगी रेगिस्तानी वनस्पतियों का अस्तित्व खतरे में है, इसके लिए आमजन को समर्पण की भावना से कार्य करना होगा। अतः भारतवर्ष विकास मार्ग पर अग्रसर अन्य राष्ट्रों के सामाजिक, आर्थिक उन्नति के लिए योजनाओं का निर्माण और औद्योगिककरण पारिस्थितिकी सिद्धांतों को ध्यान में रखकर करना पड़ेगा । इसके लिए हमें प्रकृति के विज्ञान को समाज के सभी स्तर में फैलाना पड़ेगा ताकि विद्यार्थी एवं जनता सभी पारिस्थितिकी के नियमों से अवगत होकर तथा अपने प्राकृतिक नीतियों को ज्ञान रखकर राष्ट्र का निर्माण कर सकें ।विभाग के सदस्य डॉ प्रशांत कुमार शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। तकनीकी सहयोग धौलपुर राजकीय कॉलेज के डा. पुरुषोत्तम बंसीवाल का रहा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here