धोलिपाल में भूगोल विद्यार्थियों का शैक्षणिक फील्ड भ्रमण सम्पन्न

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ग्रामीण जीवन, संसाधनों और कृषि पद्धतियों पर विद्यार्थियों ने किया विस्तृत सर्वे

हनुमानगढ़। हिमांशु मिढ्ढा
संस्कार कॉलेज फॉर हायर एजुकेशन के भूगोल विभाग द्वारा बुधवार को गांव धोलिपाल में विद्यार्थियों का शैक्षणिक भौगोलिक भ्रमण आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने ग्रामीण पर्यावरण, सामाजिक संरचना, कृषि पद्धतियों और संसाधन उपयोग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ एकत्रित कीं। यह भ्रमण विद्यार्थियों को कक्षा से बाहर निकलकर वास्तविक जीवन के अनुभवों से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा।भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने गांव के विभिन्न हिस्सों में जाकर घर-घर सर्वे किया तथा स्थानीय निवासियों से संवाद स्थापित किया। उन्होंने ग्रामीण जीवनशैली, जल संसाधनों की उपलब्धता, मिट्टी के प्रकार, कृषि फसलों, आधुनिक व पारंपरिक खेती पद्धतियों और ग्रामीण ढांचे में हो रहे परिवर्तनों को गहराई से समझा। इस प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों की संचार क्षमता, व्यवहारिक समझ और अवलोकन कौशल में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।कार्यक्रम के नेतृत्वकर्ता कॉलेज प्राचार्य डॉ. राजेश वर्मा ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि फील्ड सर्वे शिक्षा का वह महत्वपूर्ण हिस्सा है जो विद्यार्थियों को किताबों से आगे वास्तविक दुनिया से परिचित कराता है। उन्होंने कहा कि ऐसे भ्रमण विद्यार्थियों को सामाजिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों को वैज्ञानिक दृष्टि से समझने में सक्षम बनाते हैं तथा शोध आधारित शिक्षा को मजबूत करते हैं।भ्रमण के दौरान भूगोल व्याख्याता रोहित कुमार ने छात्रों को सर्वे तकनीकों, डेटा संकलन के तरीकों और फील्ड वर्क के व्यावहारिक महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही स्टाफ सदस्यों—कुलदीप सिंह, रेशम सिंह, किरण बाला, जुगल किशोर, गुरप्रीत सिंह, तजेंद्र सिंह और दीप्ती त्यागी—ने भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए भ्रमण के सुचारू संचालन में सक्रिय भूमिका निभाई।छात्रों ने गांव की सामाजिक संरचना, शिक्षा स्तर, रोजगार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरणीय चुनौतियों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ एकत्रित कीं, जिन्हें वे अपने आगामी प्रोजेक्ट, शोध पत्र व प्रायोगिक कार्यों में उपयोग करेंगे। इस अवसर पर छात्रों ने बताया कि यह फील्ड भ्रमण उनके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ है, क्योंकि इससे उन्हें ग्रामीण परिवेश का प्रत्यक्ष अनुभव मिला, जो कक्षा में केवल सैद्धांतिक रूप से संभव नहीं होता।गांव धोलिपाल के ग्रामीणों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सर्वे से समाज और शिक्षा प्रणाली दोनों को लाभ मिलता है। इससे न केवल विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ती है बल्कि ग्रामीण समुदायों को भी अपनी समस्याओं और संसाधनों के प्रति नई दृष्टि प्राप्त होती है।भूगोल विभाग की यह शैक्षणिक पहल छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी साबित हुई।

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