20–22 नवंबर तक चलने वाले तीन दिवसीय प्रशिक्षण में शिक्षकों को सामाजिक-भावनात्मक अधिगम, नैतिक मूल्यों और कक्षा-प्रबंधन का प्रशिक्षण
चूरू। डाइट प्राचार्य डॉ. गोविन्द सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में सामाजिक-भावनात्मक एवं नैतिक अध्ययन एसईईएल डीआरयू-3 के अंतर्गत तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। यह प्रशिक्षण राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद, उदयपुर द्वारा जारी पंचांग 2025-26 के अनुरूप आयोजित किया जा रहा है। उद्घाटन सत्र में एसआरजी सुनील शर्मा तथा एसआरजी शिव कुमार शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने प्रशिक्षण के उद्देश्यों, एसईईएल मॉडल की अवधारणा तथा विद्यालयी शिक्षण में इसके उपयोग पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम में पीरामल फाउंडेशन से अमन ख़ान ने सहयोगी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं एवं क्रियान्वयन में सक्रिय योगदान दिया। यह प्रशिक्षण 20 से 22 नवंबर तक चलेगा, जिसमें प्रतिभागी शिक्षकों को सामाजिक-भावनात्मक अधिगम, नैतिक मूल्यों के विकास, कक्षा-परिस्थिति प्रबंधन तथा विद्यार्थी व्यवहार-समझ से संबंधित गतिविधियों एवं रणनीतियों का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्राचार्य डॉ. राठौड़ ने कहा कि षील प्रशिक्षण विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है और शिक्षकों को इसके मूल तत्वों को विद्यालयों में व्यवहारिक रूप से लागू करना चाहिए। प्रथम दिन प्रशिक्षण में सभी शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और सीखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई। कार्यक्रम का संचालन डीआरयू प्रभागाध्यक्ष प्रसन्ना मीणा ने किया।
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