रिश्वत लेते पकड़े गए बीपीएम और एलआरपी होंगे बर्खास्त!

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एसीबी द्वारा गिरफ्तार बीपीएम और एलआरपी पर बड़े एक्शन की तैयारी

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
झुंझुनूं एसीबी की टीम द्वारा गिरफ्तार राजीविका की चिड़ावा ब्लॉक की परियोजना प्रबंधक बीपीएम रेणुका कुमारी तथा सुलताना कलस्टर के पशुधन संदर्भ व्यक्ति एलआरपी को 20 हजार रूपए की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में अब बड़े एक्शन की तैयारी शुरू हो गई है। राजीविका में अस्थायी रूप से काम कर रहे एलआरपी की सेवा बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वहीं बीपीएम की सेवा बर्खास्तगी के लिए भी झुंझुनूं राजीविकास की ओर से राज्य राजीविका को पत्र लिखा जाएगा। दरअसल बीपीएम के खिलाफ पहले से शिकायतों का ढेर विभाग के पास था। जिसे लेकर लगातार नोटिस दिए जा रहे थे। लेकिन एसीबी की कार्रवाई ने इन शिकायतों में आग में घी डालने का काम किया है। बीपीएम रेणुका और एलआरपी धर्मेंद्र को गत दिनों ही एसीबी झुंझुनूं की टीम ने एक कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन, यानि कि सीआरपी से मानदेय और सर्वे की राशि के एवज में रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। दोनों फिलहाल जेल में है। लेकिन अभी दोनों की मुश्किलें कम नहीं हुई है। दरअसल राजीविका ने दोनों को सेवा से बर्खास्त करने की पूरी तैयारी कर ली है। डीपीएम विप्लव न्यौला ने बताया कि जिस मामले में सीआरपी आशा से रिश्वत लेते हुए दोनों गिरफ्तार हुए है। उस मामले में पूर्व में आशा ने कार्यालय में शिकायत की थी। जिसके लिए जरिए पत्र और मौखिक रूप से मानदेय जारी करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि रिश्वत लेते पकड़े जाने से तीन दिन पहले ही रेणुका को अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। लेकिन उनका जवाब नहीं आया। अब एसीबी से एफआईआर व अन्य जानकारियां मांगी गई है। जिसके बाद रेणुका की सेवा बर्खास्तगी के लिए स्टेट को पत्र लिखा जाएगा। वहीं धर्मेंद्र की सेवा बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

और भी कई शिकायतें थी रेणुका के खिलाफ

राजीविका के डीपीएम विप्लव न्यौला ने बताया कि इस प्रकरण के अलावा भी बीपीएम रेणुका की काफी शिकायतें थी। जिसे लेकर उन्हें चार से पांच नोटिस दिए जा चुके थे। अंतिम नोटिस देकर रेणुका से जवाब मांगा गया था। हालांकि उसने नोटिस प्राप्त होने से पहले ही सीआरपी आशा को भुगतान कर दिया था। पर अभी भी जांच करवाई जा रही है कि आशा ने अपने शिकायत में चार माह का वेतन बकाया होना बताया था। जबकि सामने आ रहा है कि उसे नौ महीने का बकाया वेतन दिया गया है। जो भी जांच का विषय है। डीपीएम द्वारा 06 नवंबर को जो अंतिम नोटिस जारी किया गया था। उसमें रेणुका पर काफी गंभीर आरोप लगाए गए थे। जिनमें प्रमुख रूप से बजट घोषणा टेबलेट वितरण के लिए नामित कैडरों की सूचना ना देना, समय पर कार्यालय में उपस्थित ना देना, लाइव लोकेशन कार्यालय में समय पर ना होना, जांच में 6 नवंबर को भी कार्यालय सुबह 11:30 बजे बंद पाया जाना व कार्यों की अपूर्णता के लिए पांच महीने में दिए छह नोटिस दिए जा चुके थे।

बर्खास्तगी की कार्रवाई की सूचना पर हड़कंप

राजीविका के जिला परियोजना प्रबंधक विप्लव न्यौला द्वारा सेवा बर्खास्तगी को लेकर शुरू की गई कार्रवाई से अन्य कार्मिकों में भी हड़कंप है। अब तक सिर्फ पकड़े जाने और जेल जाने तक की सोचने वाले कार्मिकों के सामने यह कार्रवाई किसी खौफ से कम नहीं होगी कि नौकरी भी जा सकती है। बहरहाल, देखने वाली बात यह होगी कि इस कार्रवाई के बाद भी रिश्वत लेने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या में कमी आती है या फिर वे पहले की तरह बेखौफ होकर भ्रष्टाचार के काले कारनामों में लिप्त रहेंगे।

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