बीडीके अस्पताल में हुआ जिला स्तरीय कार्यक्रम, 28 फरवरी तक चलेगा अभियान, आयोजित होगी जागरूकता गतिविधियां

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
प्रदेश सहित जिलेभर में जीरो से पांच साल तक के बच्चों में निमोनिया से होने वाली जटिलताओं और मृत्यु को कम करने के लिए सांस अभियान गुरुवार से शुरू हुआ। जिला स्तरीय कार्यक्रम बीडीके अस्पताल में आयोजित किया गया। सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने बताया कि निमोनिया से शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए जिले सहित प्रदेशभर में बुधवार से 28 फरवरी तक सांस अभियान चलेगा। डॉ. गुर्जर ने बताया कि राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशानुसार अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि आशा-एएनएम के माध्यम से बीमार बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए डोर-टू-डोर सर्वे एवं उनके इलाज के लिए रैफरल व्यवस्थाएं एवं समुचित उपचार की सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा। आरसीएचओ डॉ. दयानंद सिंह ने बताया कि सांस अभियान के तहत निमोनिया नहीं तो बचपन सही थीम पर गतिविधियां आयोजित की जाएगी। हेल्थ वैलनेस सेंटर, चिकित्सा संस्थाओं तथा आंगनबाड़ी केंद्रों पर आमजन को निमोनिया के प्रति जागरूक किया जाएगा। आशा सहयोगिनियों तथा एएनएम बच्चों में निमोनिया की पहचान कर समुचित उपचार के लिए प्रेरित करेंगी। उन्होंने कहा कि निमोनिया से बचाव के लिए पीसीवी वैक्सीन की तीन खुराक छह सप्ताह, 14 सप्ताह एवं नौ माह की उम्र पर अवश्य लगवाए। यह वैक्सीन सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में निशुल्क लगाई जाती है। कार्यक्रम को सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर, आरसीएचओ डॉ. दयानंदसिंह, पीएमओ डॉ. जितेंद्र भांबू ने संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. विजय, डॉ. नरेंद्र सिंघोया, हेल्थ मैनेजर डॉ. नवीद अख्तर, डीपीओ सियाराम पूनियां, डीपीसी संजीव महला सहित नर्सिंग स्टूडेंट्स मौजूद रहे।
निमोनिया के ये लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से मिले— डॉ. भांबू
बीडीके अस्पताल के पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भांबू ने बताया कि निमोनिया फेंफड़ों में होने वाले संक्रमण से होता है और पांच वर्ष तक के बच्चों में इसका खतरा अधिक रहता है। जिसमें खांसी और जुकाम का बढना, तेजी से सांस लेना, सांस लेते समय पसली चलना, तेज बुखार आना के साथ झटके आना, खाना पीना नहीं करना एवं सुस्ती या अत्यधिक नींद आना मुख्य है। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाए ऐसे समय मे बच्चों की विशेष देखभाल की जाए।
निमोनिया से बचाव उपाय
पीएमओ डॉ. जितेंद्र भांबू ने बताया कि निमोनिया से बचाव के लिए घर में धुआं न होने दें एवं खिड़कियां खुली रखें। बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए जन्म के पहले घंटे में स्तनपान कराएं, जन्म के 6 माह तक केवल मां का ही दूध पिलाएं, छह माह बाद बच्चे को ऊपरी खाना खिलाएं, पीने के पानी को ढक कर रखें, खाना पकाने एवं खिलाने के पहले तथा शौच के बाद हाथों को साबुन से धोएं, बच्चे के शरीर को ढक कर रखें एवं सर्दियों में ऊनी कपड़े पहनाएं और बच्चे का समय अनुसार संपूर्ण टीकाकरण कराएं।
28 फरवरी तक विभाग चलाएगा विशेष जागरूकता अभियान
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग निमोनिया से बचाव और रोकथाम के लिए 28 फरवरी 2026 तक विशेष जागरूकता अभियान चलाएगा। डीपीसी डॉ. महेश कड़वासरा ने बताया कि विभागीय डिजिटल प्लेटफॉर्म आईईसी झुंझुनूं पर विशेष जागरूकता संदेश, विशेषज्ञ चिकित्सकों से साक्षात्कार और बातचीत प्रसारित किए जाएंगे। साथ ही आडियो वीडियो संदेश भी प्रसारित किए जाएंगे। साथ ही आउटडोर पब्लिसिटी के माध्यम से भी लोगों को निमोनिया से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा।












