अडूका गांव के सरपंच और ग्रामीण मिले कलेक्टर से

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
जिले के चिड़ावा कस्बे के साथ लगते अडूका गांव में स्थित 2200 बीघा के करीब जमीन का विवाद एक बार फिर खड़ा हो गया है। जी, हां इस जमीन को लेकर न्यायालय में भी प्रकरण चल रहा है और विवाद भी चार—पांच दशक से चल रहा है। गांव के लोग इस जमीन को गोचर भूमि होने का दावा करते है। तो वहीं एक परिवार के सदस्यों के नाम से दर्ज जमीन को लेकर भी उनके अपने आरोप है। बहरहाल, अब एक बार फिर इस जमीन का विवाद खड़ा हो गया है। गुरूवार को अडूका के सरपंच शीशराम, सैनी समाज के जिलाध्यक्ष राजेश सैनी व किसान नेता परसाराम सैनी चिड़ावा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर से मिला। उन्होंने लिखित में ज्ञापन देते हुए कहा है कि गांव की 2200 बीघा के करीब गोचर जमीन पर अतिक्रमण कर उसे खुर्द बुर्द करने की साजिश फिर से शुरू हो गई है। उन्होंने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि कुछ कथित भूमाफियाओं ने इस जमीन के खसरा नंबर में छेड़छाड़ कर नामान्तरण अपने नाम करवाने का षड़यंत्र रचा है। जिसकी जांच करवाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। सैनी समाज के जिलाध्यक्ष राजेश सैनी ने बताया कि यह जमीन गांव की है। इसके लिए उनके पिता पूर्व सरपंच शिवलाल सैनी श्योल सरपंच ने भी लड़ाई लड़ी थी। जो अब वे लड़ेंगे। आपको बता दें कि इस जमीन को लेकर चार दशक पहले विवाद में एक युवक की कथित तौर पर जान भी जा चुकी है। करीब पांच—छह साल पहले भी इस जमीन के नामान्तरण की कोशिश की गई थी। लेकिन आंदोलन और विरोध को देखते हुए ऐसा नहीं हो पाया था। अब नामान्तरण की फिर से सुगबुगाहट के बाद फिर से जमीन को लेकर तनाव वाले हालात पैदा होने की संभावना हो गई है।














