नया बास में करंट लगने की खौफनाक घटना सीसीटीवी में कैद — डॉक्टर पुकार की टीम ने किशोर न्याय बोर्ड सदस्य की बचाई जान
चूरू।शहर के नया बास इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। बालाजी मंदिर के कार्यक्रम में टेंट का काम कराते समय किशोर न्याय बोर्ड सदस्य और भाजपा जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र सैनी के छोटे भाई ताराचंद सैनी (45) हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आ गए।फुटेज में साफ नजर आता है कि एक मजदूर के हाथ में पकड़ा लोहे का पाइप 11,000 वोल्ट की लाइन से टकरा गया, जिससे करंट पूरे टेंट फ्रेम में दौड़ गया और ताराचंद सैनी को जोरदार झटका लगा। करंट की तीव्रता इतनी थी कि जमीन पर आग की लपटें तक दिखाई दीं। हादसे में उनके साथ खड़ा मजदूर भी झुलस गया।घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद कमांडो सुरेंद्र कस्वां और एसआई रामजीलाल ने बहादुरी दिखाते हुए सीपीआर (हृदय पुनर्जीवन प्रक्रिया) देकर ताराचंद की धड़कनें चालू रखने की कोशिश की। दोनों घायलों को तत्काल निजी वाहन से राजकीय भर्तिया अस्पताल, चूरू के इमरजेंसी वार्ड ले जाया गया।अस्पताल पहुंचने तक ताराचंद की हालत बेहद गंभीर थी — उनका हार्ट बंद, ईसीजी स्ट्रेट लाइन, ऑक्सीजन लेवल और ब्लड प्रेशर शून्य था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एम.एम. पुकार ने खुद इमरजेंसी टीम की कमान संभाली। उन्होंने टीम के साथ मिलकर उन्नत स्तर का सीपीआर और दो बार डीसी शॉक देकर हृदय को फिर से चालू करने में सफलता प्राप्त की।इसके बाद डॉ. पुकार ने स्वयं इंट्यूबेशन कर मरीज को वेंटिलेटर पर लिया और मेडिसिन आईसीयू में भर्ती कराया। लगातार मॉनिटरिंग और टीम की मेहनत से ताराचंद की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ और गुरुवार दोपहर उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया। फिलहाल वे सामान्य ऑक्सीजन पर हैं और खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।भाजपा जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र सैनी ने कहा कि डॉ. पुकार और उनकी टीम की सूझबूझ व तत्परता से मेरे भाई को नया जीवन मिला है। उन्होंने पूरी मेडिकल टीम का आभार जताया।डॉ. एम.एम. पुकार ने बताया कि “समय पर दिया गया सीपीआर इस मामले में संजीवनी साबित हुआ। उन्होंने पुलिसकर्मियों, संस्थानों और आम नागरिकों से सीपीआर प्रशिक्षण लेने का आग्रह किया ताकि आपात स्थिति में किसी की जान बचाई जा सके।

प्रिंसिपल डॉ. एम.एम. पुकार ने आपातकालीन टीम की की प्रशंसा
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एम.एम. पुकार ने अहम भूमिका निभाने वाली आपातकालीन रिस्पांस टीम की सराहना करते हुए बताया कि आपात स्थिति में अस्पताल की टीम ने बेहतरीन तालमेल और संवेदनशीलता का परिचय दिया। इस अवसर पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. दीपक चौधरी के साथ उन्होंने अति. प्रधानाचार्य डॉ. रमाकांत वर्मा, डॉ. मनोज फोगावट, डॉ. सरोज, डॉ. जेनूअल, डॉ. युवराज, नर्सिंग ऑफिसर मुकेश कांटीवाल और नरेन्द्र दाधीच की कार्यकुशलता की विशेष रूप से प्रशंसा की।डॉ. पुकार ने कहा कि इस प्रकार की आपातकालीन रिस्पांस टीम भविष्य में भी संकट की घड़ी में मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित होगी। उन्होंने सभी मेडिकल स्टाफ को प्रेरित करते हुए कहा कि आपात स्थिति में समय पर और समर्पण के साथ किया गया प्रयास ही किसी की जान बचाने का सबसे बड़ा साधन है।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन करेगा नियमित सीपीआर प्रशिक्षण, संस्थान और पुलिसकर्मी भी ले सकेंगे भाग
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एम.एम. पुकार ने कहा कि आपातकालीन स्थिति में सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) किसी की जान बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने बताया कि यदि दुर्घटना या अचानक बेहोशी जैसी स्थिति में तुरंत सीपीआर दिया जाए तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।डॉ. पुकार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा समय-समय पर सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी और आमजन इस जीवनरक्षक तकनीक को सीख सकें।उन्होंने कहा कि यदि कोई संस्थान — चाहे वह सरकारी हो या निजी — अपने कर्मचारियों को सीपीआर प्रशिक्षण दिलाना चाहता है, तो वे मेडिकल कॉलेज, चूरू में मुझसे संपर्क कर सकते हैं।डॉ. पुकार ने इस पहल को जनसेवा से जुड़ी जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि कॉलेज प्रशासन आगे भी इस दिशा में निरंतर प्रयास करता रहेगा, ताकि हर व्यक्ति आपातकाल में दूसरों की मदद कर सके।











