
गुढ़ागौड़जी । झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
सेठ श्री केदारनाथ मोदी राजकीय महाविद्यालय अपने शैक्षणिक इतिहास का स्वर्णिम अध्याय लिखने जा रहा है। महाविद्यालय में दिनांक 14 व 15 नवम्बर 2025 को नॉलेज बियोन्ड बाउंड्रीज इंटीग्रेटिंग डिसिप्लीनस फॉर ए रिसाइलेंट फ्यूचर (आईसीकेबीबी–2025) विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। यह काॅंफ्रेंस राजकीय महाविद्यालय गुढ़ा ग्रामीण क्षेत्र में होने के बावजूद अंतररराष्ट्रीय कॉफ्रेंस का आयोजन कर रहा है। जो एक ऐतिहासिक पहल है। जो ज्ञान, नवाचार और वैश्विक सहयोग की नई दिशा प्रस्तुत करेगा। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. डाॅ. अनिता झाझड़िया ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में विभिन्न देशों से विषय विशेषज्ञ एवं शिक्षाविद् भाग ले रहे हैं। जिनमें प्रमुख है प्रो. रेनिया लेम्पुआ ग्रीस, प्रो. कुसुम साख्या नेपाल, सुरेंद्रकुमार बुडानिया जर्मनी, प्रो. हेलन भूटान, प्रो. कोकिला कानासिंगे श्रीलंका, प्रो. राजराजेश्वर मलिंडा जापान, प्रो. स्वेंग सिन ओ म्यांमार, प्रो. सुमित्रा कर्की नेपाल, प्रो. टीना चैधरी यूएई, प्रो. हबीब-उर-रहमान रकाब कुवैत, प्रो. सुशील चटर्जी नेपाल, प्रो. राज नारवरे कनाडा, प्रो. जी. राज चिंतारमन मॉरीशस, प्रो. मीना वैद्य माला नेपाल, ब्रिगेडियर जनरल आरसी खैत्री नेपाल और मेजर जनरल आशा तमांग नेपाल जो की अपने शोध पत्र और व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही प्राचार्य ने बताया कि सेठ श्री केदारनाथ मोदी राजकीय महाविद्यालय गुढ़ा की स्थापना वर्ष 2013 में हुई थी। महाविद्यालय में वर्तमान में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय संचालित हैं, और कुल 920 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। महाविद्यालय में एनएसएस, खेलकूद, स्मार्ट रूम, कंप्यूटर लैब, और आधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाएं जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। खेलकूद के क्षेत्र में, महाविद्यालय ने झुंझुनूं जिले के प्रथम इंडोर बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण पूर्ण करवाया है। कंप्यूटर विज्ञान विषय के अभाव में भी कंप्यूटर विशेषज्ञों द्वारा नियमित कंप्यूटर कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। जिससे विद्यार्थियों में डिजिटल साक्षरता बढ़ रही है। कॉन्फ्रेंस संयोजक डॉ. सरोज नैनीवाल ने बताया कि महाविद्यालय में नवाचार की परंपरा निरंतर विकसित हो रही है। इस मंच के माध्यम से देश विदेश के शिक्षाविद शोध कर्ता अपने-अपने अनुभव और विचार साझा करेंगे। जिससे विचारो का आदान प्रदान होगा और उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान करेगा। आयोजन सचिव डॉ. रामपाल सिंह ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य विभिन्न विषय विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना है। ताकि वे मिलकर एक सुदृढ़, समावेशी और सशक्त भविष्य के लिए साझा समाधान प्रस्तुत कर सकें। इस काॅन्फ्रेंस का आयोजन न केवल गुढ़ा की शैक्षणिक प्रतिभा को उजागर करेगा। बल्कि यह सिद्ध करेगा कि ग्रामीण क्षेत्र भी वैश्विक बौद्धिक विमर्श में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।












