भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता से आपको प्रेरणा लेनी चाहिए-हरिशरण महाराज

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चूरू। स्थानीय दादाबाड़ी में भजनलाल, लक्ष्मीनारायण पीपलवा के सौजन्य से चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में मंगलवार को सुदामा चरित्र के प्रसंग का वर्णन किया गया। इस दौरान कथा वाचक हरिशरण महाराज ने कहा कि सच्चा मित्र वही होता है, जो संकट की घड़ी में मित्र के साथ खड़ा हो। उन्हांने कहा कि जब भी मित्र पर कोई विपदा आये, तो उस समय एक सच्चा मित्र ही उसके साथ खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि आपको भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता से प्रेरणा लेनी चाहिए, क्योंकि उनकी मित्रता निःस्वार्थ थी। उसमें स्वार्थ का कोई भाव नहीं था। श्रीकृष्ण द्वारिकाधीश थे, जबकि सुदामा निर्धन परिवार से थे। उनमें कोई समानता नहीं थी, परंतु इसके बावजूद उनकी मित्रता का उदाहरण आज भी आपको हर जगह देखने को मिल जाता है। जीवन में सच्चे मित्र का होना आवश्यक है। अच्छे मित्र हमेशा सुख-दुख में काम आते हैं। मित्रता में अमीरी-गरीबी कोई माईने नहीं रखती। हर व्यक्ति को भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की पवित्र मित्रता से सीख लेनी चाहिए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिला-पुरुष उपस्थित थे।

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