लाडकड़ी लाडेसर म्हारी जीण बाईसा, थे तो घरां पधारो, चालो बाईसा….

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जीण जन्मस्थली घांघू में माँ जीण के रात्रि जागरण में जमकर झूमे श्रद्धालू…

घांघू। बीरबल नोखवाल
जीण जन्मस्थली घांघू में बने जीण माता मंदिर में मंगलवार रात्रि को दुर्गा अष्टमी के अवसर पर माँ जीण के भव्य रात्रि जागरण का आयोजन किया गया। जीण माता के जागरण का शुभारम्भ गायक कलाकर जय नारायण कुचेरा ने गणेश वंदना से किया। उन्होंने सतगुरू मिलता जाईयो… रचना सुनाई तो श्रोता मन्त्र मुग्ध से हो गए। भजन संध्या के मुख्य कलाकर राकेश वैष्णव जोधपुर ने दुःखिया रा दुखड़ा मिटाओ जीण मैया… सुनाकर जागरण को परवान चढ़ाया। उन्होंने लाडकड़ी लाडेसर म्हारी जीण बाईसा, थे तो घरां पधारो चालो बाईसा… भजन सुनाया तो पंडाल में बैठे श्रोता भावुक हो गए। उनके द्वारा गाए चौसठ जोगणी देवी रे देवळीये रमजाय… पर श्रोता जमकर थिरके, भैंरु जी कै बाजै घुघरा…भजन पर महिला शक्ति ने जमकर नृत्य किया। लीले घोड़े रा असवार राणा मेवाड़ी सरदार… भजन पर युवा खूब थिरके।

कार्यक्रम के सूत्रधार गौ सेवक एस आर सिरोही के दोहो का सम्पूर्ण कार्यक्रम में श्रोताओं ने आनंद लिया। इस मौके पर जीण माता मंदिर समिति के द्वारा कलाकारों का साफा व जीण माँ की चुनड़ी ओढ़ाकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी नन्दलाल शर्मा, जीण मंदिर की सरंक्षिका सिमी कंवर, पंडित घनश्याम शर्मा, राहुल शर्मा, सुमेर सिंह,देवेंद्र सिंह, राजू सिंह, रघुवीर सिंह, नवीन शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता बीरबल नोखवाल, वीरेन्द्र सैनी, गोविन्द सैनी, विष्णु शर्मा, महेन्द्र शर्मा,हरि प्रजापत, श्रवण सैनी, राधेश्याम दर्जी आदि मौजूद रहे।

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