सुदामा चरित्र से लेकर यदुवंश विनाश तक की लीला का किया वर्णन, शास्त्री महाराज और संगीतकारों का शॉल व साफा पहनाकर हुआ सम्मान
चूरु। झारिया मोरी के पास चिमना मंत्री चौरिटी ट्रस्ट द्वारा संचालित सात दिवस भागवत कथा में कथावाचक डॉ मनोज मोहन शास्त्री महाराज ने भगवान कृष्ण वंश विस्तार, पांडवों का राज सूर्य योग्य पत्नी भद्र सुशीला के कहने पर सुदामा का चार मूठी चावल की पोटली लेकर द्वारिकापुरी जाना एवं संदीपन गुरुकुल के बाल सखा द्वारकाधीश कृष्ण के प्रेम कृपा प्रसाद को पाकर पोरबंदर लौटने का अत्यंत करुणा का प्रसंग सुनाया। इसके बाद नारद द्वारा वसुदेव देवकी को भी विरति उपदेश तथा भगवान कृष्ण द्वारा छह भाइयों के जीवित दिखाकर अपना ऐश्वर्य एवं सांसारिक अनित्यता का ज्ञान देना। ऋषियों के श्रराप से यदुवंश का नास तथा भगवान कृष्ण द्वारा ऋषि उद्धव को भगवान प्रचारक उपदेश देकर देना। परमहंस शुक्र देव की विदाई राजश्री परीक्षित का कलियुग हरिनाम का महत्व बताते हुए भागवत को विश्राम दिया। इस अवसर पर कथा के अन्तिम दिन कथावाचक डॉ मनोज मोहन शास्त्री महाराज साफा पहनाकर व षॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। साथ उनके साथ आए हुए संगीतकारों का भी अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर शहर के भामाशाह व समाजसेवी पूर्व सभापति गौरीशंकर मंडावेवाला, विधायक हरलाल सहारण का बीकानेर के एडवोकेट सुरेश मोहता मंत्री चैरिटी ट्रस्ट द्वारा मंत्री ट्रस्ट के मुरारी लाल मंत्री, देवेंद्र मंत्री, शिव मंत्री, राममोहन मंत्री ने उनका अभिनंदन किया।
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