वेतन सहित अन्य परिलाभ लेने के लिए है अब भी संघर्षरत

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
शिक्षक समाज का आईना होता है जिसका सम्मान करना सभी श्रेणी के लोगों का फर्ज़ बनता है वो चाहे सरकारी या निजी ओहदे का बड़ा व्यक्ति हो या फिर समाजसेवी या राजनीतिज्ञ हो। लेकिन इन सब के विपरीत 1995 से शिक्षक के रूप में अपना सफर शुरू करने वाले न्याय प्रिय व जन-जन को न्याय दिलाने वाले शिक्षक बलवान सिंह बलवदा जो की झुंझुनू जिले की बुहाना तहसील के गांव झारोड़ा के रहने वाले है – के सेवाकाल के दौरान उनके खिलाफ स्कूली व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कई तरह के मुकदमें दर्ज कराये गए, लेकिन जब व्यक्ति निर्दोष होता है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ऐसा ही शिक्षक बलवान सिंह बलवदा के साथ हुआ। उन्होंने संघर्ष किया और सभी मुकदमों या उनके खिलाफ हुए आदेशों में न्यायालय द्वारा दोषमुक्त हुए या उनके पक्ष में आदेश हुआ। अंततः उन पर षड्यंत्र रचकर एक पाॅक्सो का मामला तक भी दर्ज करा दिया गया जोकि सेशन प्रकरण संख्या – 37/2023 सी.आई.एस.नं. 37/2023 जिसमें 28.08.2025 को न्यायालय ने शिक्षक बलवदा को फिर से निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया। रविवार को झारोड़ा (बुहाना) के रहने वाले शिक्षक बलवान सिंह ने जिला मुख्यालय के खाना खजाना रेस्टोरेंट पर प्रेस वार्ता का आयोजन कर प्रमाणित दस्तावेज़ो के साथ बताया कि उन्होंने अपने शिक्षक काल में कोई गलत काम नहीं किया लेकिन वो हमेशा ही सच व सत्य के पक्ष में रहे जिसके चलते ईर्ष्या के वशीभूत स्कूली कार्मिकों तथा प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया गया व मेरे पर गलत मुकदमों के साथ कई गलत आदेश दिए गए लेकिन आखिर में जीत सत्य की हुई। इस मौके पर शिक्षक बलवान सिंह द्वारा न्यायालय व अन्य से संबंधित दस्तावेज मीडियाकर्मियों के समक्ष रखें व अवलोकन कराया गया। शिक्षक बलवदा ने बताया कि अभी भी संघर्ष चल रहा है वो अपने वेतन सहित सभी तरह के परिलाभ लेने के लिए संघर्षरत है उन्होंने बताया कि न्यायालय सहित अन्य संबंधित संस्थानों द्वारा दिए गए आदेशों के तहत कार्यवाही कर रहे है ताकि रुके हुए सभी तरह के लाभ और परिलाभ उन्हें सरकारी नियमानुसार मिल सकें ।












