बीडीके अस्पताल बिजली में होगा आत्मनिर्भर, 2050 तक बिजली सौलर पैनल से निरंतर आपूर्ति रहेगी
झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
जिले के सबसे बड़े राजकीय बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में लगभग 900 किलो वाॅट की क्षमता का सोलर पैनल लगाने का कार्य किया जाएगा। वर्तमान में बढ़ता ओपीडी एवं आईपीडी रोगीभार से अस्पताल का बिजली का भार बढ़ता जा रहा था। बिजली की खपत भी उत्तरोत्तर वृद्धि होती जा रही है। अस्पताल में निरंतर बिजली आपूर्ति की आवश्यकता रहती है। बिजली का बिल प्रतिमाह 10-13 लाख रूपये आ रहा है। जिससे सरकारी खजाने पर भी भार बढ़ रहा था। पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भांबू ने बताया कि आरआरईसीएल के तहत अस्पताल के स्थायी विद्युत भार, अस्पताल के भवन की छतों का क्षेत्रफल, बिजली का प्रतिदिन उपभोग के आधार पर आंकलन किया गया है। आरआरईसीएल के द्वारा 900 किलो वाॅट सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। डॉ. भांबू ने बताया कि आरआरईसीएल का प्रस्ताव रोगी हितार्थ निर्बाध बिजली आपूर्ति में बेहतरीन कदम साबित होगा। आरआरईसीएल के अनुसार 900 किलो वाॅट क्षमता का सोलर पैनल लगभग 3500-4500 यूनिट प्रतिदिन उत्पादन करेगा। अस्पताल में उपभोग होने के बाद शेष बिजली बिजली विभाग के भेजी जा सकेगी। जो आम उपभोक्ताओं के काम आ सकेगी। बीडीके अस्पताल में लगने वाले सोलर पैनल का पूर्णतया भुगतान आरआरईसीएल के द्वारा ही किया जाएगा। इससे अस्पताल पर कोई वित्तिय भार नहीं आएगा।
फायदे का कदम साबित होगा
बीडीके अस्पताल में लगाया जाना वाले सोलर प्लांट फायदे का कदम साबित होगा। इसकी क्षमता 900 किलो वॉट रखी गई है। जो हर दिन करीब 3500 से लेकर 4500 यूनिट प्रतिदिन उत्पादन करेगा। एक अनुमान के तौर पर ये सोलर प्रतिमाह एक लाख दस हजार से एक लाख 35 हजार बिजली यूनिट का उत्पादन करेगा। जिसमें अस्पताल का खर्चा शून्य रहेगा। कोई पेड़ों की कटाई नहीं होगी। मरम्मत की लागत भी नहीं आएगी। यह सोलर पैनल 25 वर्ष, यानि कि 2050 तक काम करेगा। सोलर ऊर्जा से प्रदूषण नहीं होता है,ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमीं आती है। पर्यावरण संरक्षण होता है। सौलर पैनल की जीवन अवधि काफ़ी लंबी होती है।इसे मरम्मत की जरूरत बहुत कम पड़ती है। 2050 तक बिजली आपूर्ति करती रहेगी।समय-समय पर साफ़ करने पर भी बिजली उत्पादन पूर्ण क्षमता से करवाया जा सकता है। बीडीके अस्पताल में सौलर पैनल लगाने हेतु कोई पेड़ कटाई नहीं की जाएगी। बल्कि अस्पताल में अनुपयोगी खाली पड़ी छतों की जगह को उपयोग में लिया जाएगा। सौलर पैनल से उत्पादन के बाद अस्पताल में उपयोग के बाद अतिरिक्त बिजली ग्रिड को भेजी जाएगी।