स्वास्थ्य, खान-पान, समयबद्ध जांच पर जोर दिया गया

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
जिले के सबसे बड़े राजकीय बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में विश्व डायबिटीज दिवस के उपलक्ष्य में रैली का आयोजन किया गया। रैली को पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भांबू ने संबोधित करते हुए बताया कि डायबिटीज लंबे समय तक आमजन में बिना लक्षणों के अंदरूनी अंगों पर दुष्प्रभाव डालता रहता है। जागरूकता एवं समय पर उपचार से आमजन को दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है। पीएमओ डॉ. जितेंद्र भांबू ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। रैली में चिकित्सक शिक्षक, चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारियों एवं प्रशिक्षु नर्सिंग कर्मियों द्वारा भाग लिया गया। रैली बीडीके अस्पताल से आरंभ होकर नारे एवं स्लोगन के साथ क्रमबद्ध तरीके से शहीद स्मारक पर पहुंची। रैली को एनसीडी प्रभारी डॉ. उमेश चाहर ने संबोधित करते हुए बताया कि अस्पताल में डायबिटीज क्लिनिक प्रतिदिन संचालित किया जाता है। पांच वर्ष पहले प्रतिमाह 1000 रोगी आते थे। जो अब बढ़कर 1500 हो चुके हैं। इस दौरान आरएमओ डॉ. सिद्धार्थ शर्मा, डॉ. नावेद अख्तर, डॉ. महेंद्र सानेल, डॉ. कपूर थालौर, अंजना चौधरी, पूनम डांगी, पूनम भास्कर ने डायबिटीज के विषयों को बिंदुवार समझाया। मिशन मधुहारी कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिए डायबिटीज के बारे में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विजेंद्र व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रविकांत के द्वारा विस्तारपूर्वक समझाया। दवाओं की निरंतरता बनाए रखने की महत्ता बताई गई। मिशन मधुहारी के तहत डायबिटीज से ग्रसित 24 बच्चों को परामर्श दिया गया तथा आवश्यक जांच की गई। बच्चों के साथ अभिभावकों ने भी भाग लिया। अभिभावकों को बच्चों के खान-पान एवं देखभाल की पूर्ण जानकारी प्रदान की गई। बीडीके अस्पताल के मधुहारी क्लिनिक में जिलेभर के बच्चों सबसे ज्यादा उपचार ले रहे हैं। पीएमओ ने बताया कि अस्पताल में शिशु, वयस्क, बुजूर्ग के लिए डायबिटीज की जांच, उपचार की सेवाएं उपलब्ध है। रोगियों द्वारा निरंतर फाॅलोअप लिया जा रहा है। बीडीके अस्पताल में एनसीडी के तहत स्क्रीनिंग एवं उपचार कैंप का आयोजन भी किया गया है। जिसमें 204 आमजन की स्क्रिनिंग की गई। नवीन रोगियों एवं पुराने रोगियों की जांच उपरांत दवाएं प्रदान की गई। डायबिटीज के रोगियों को प्रति छह माह से नैत्र, लीवर, हृदय, किडनी की जांच भी करवानी चाहिए। डायबिटीज रोगियों में मोतियाबिंद, रक्तचाप, किडनी क्रियाहीनता शीघ्रता से उत्पन्न होती है। जो विभिन्न अंगों पर गंभीर प्रभाव डालती है।












