पटवारी की मिलीभगत से कोर्ट के स्टे ऑर्डर की उड़ी धज्जियां, कृषि भूमि में लगवा दिए बिजली के खंभे

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पीड़ित बोला, न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर किया गया गैरकानूनी कार्य

सुलताना । झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
कस्बे में पटवारी की कथित मिलीभगत से न्यायालय के स्टे आदेश की खुली अवहेलना का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, सुलताना निवासी विनोद कुमार जोशी ने शिकायत दी है कि बलवीर सैनी नामक व्यक्ति ने कृषि भूमि खसरा नंबर 384, 385 और 390 पर कृषि विद्युत कनेक्शन लेने के लिए गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर विभाग को गुमराह किया। जबकि इन खसरों पर वर्ष 2017 से उपखंड न्यायालय का स्टे आदेश लागू है। पीड़ित विनोद जोशी का आरोप है कि सुलताना पटवारी संजू कुमारी की मिलीभगत से गलत जमाबंदी (खाता संख्या 756) लगाकर विद्युत विभाग को भ्रमित किया गया और गैरकानूनी तरीके से बिजली पोल लगाने का कार्य शुरू करवा दिया गया। जब उन्होंने इस संबंध में पटवारी से शिकायत करनी चाही तो पटवारी ने शिकायत लेने से साफ मना कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने पूरे मामले की लिखित शिकायत विद्युत विभाग और सुलताना थाना पुलिस को सौंपी। साथ ही न्यायालय आदेश की प्रति रजिस्टर्ड डाक से पटवारी को भेजी। लेकिन पटवारी ने वह डाक लौटा दी। पीड़ित ने बताया कि न्यायालय के स्टे के बावजूद बिजली विभाग के ठेकेदार ने खेत में छह विद्युत पोल गाड़ दिए। जिससे न्यायिक आदेश की खुली अवहेलना हुई। शिकायत और न्यायालय आदेश की प्रति मिलने के बाद विद्युत विभाग के सहायक अभियंता मायालाल वर्मा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए काम रुकवाने के निर्देश दिए। विनोद जोशी ने अब तहसीलदार से न्यायालय आदेश की पालना करवाने और पटवारी पर कार्रवाई की मांग की है। इस घटना को लेकर क्षेत्र में पटवारी की कार्यशैली की चर्चाएं जोरों पर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि न्यायालय के आदेश की इस तरह अनदेखी की जाएगी, तो आमजन का प्रशासनिक तंत्र पर भरोसा कमजोर होगा।

इनका कहना हैं…

संबंधित भूमि पर कृषि विद्युत कनेक्शन को लेकर डिमांड नोटिस बलवीर सैनी के नाम से जारी किया गया था। ठेकेदार द्वारा खेत में पोल लगाने का कार्य शुरू किया गया, लेकिन जैसे ही न्यायालय के स्टे आदेश और आपत्ति की जानकारी मिली, तुरंत कार्य रुकवा दिया गया।
— मायालाल वर्मा, एईएन, अजमेर डिस्कॉम, सुलताना

नक्शा नियमानुसार जारी किया गया। जमाबंदी को लेकर जानकारी नही हैं।तहसीलदार के आदेशों की पालना में काम किया जाता हैं।
— संजू कुमारी, पटवारी, सुलताना

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