आईसीटी शिक्षण में नवाचार, समावेशन और गुणवत्ता सुधार का माध्यम-राठौड़

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आईसीटी लैब की उपयोगिता एवं प्रभावी संचालन हेतु प्रशिक्षण का हुआ समापन

चूरू। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप शिक्षा को तकनीक से जोड़ने की दिशा में एक और सार्थक कदम बढ़ाते हुये जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट में तीन दिवसीय आईसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) प्रशिक्षण कार्यशाला का सोमवार को समापन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता डाइट प्राचार्य सी.डी.ई.ओ. गोविंद सिंह राठौड़ ने की। उन्होंने समापन सत्र में कहा कि “नई शिक्षा नीति डिजिटल भारत की दिशा में शिक्षा को तकनीक-सक्षम बनाने का स्पष्ट आह्वान करती है। शिक्षकों को अब ‘डिजिटल एजुकेटर’ के रूप में अपनी भूमिका को सशक्त करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आईसीटी केवल एक उपकरण नहीं, बल्कि शिक्षण में नवाचार, समावेशन और गुणवत्ता सुधार का माध्यम है। प्रशिक्षण समन्वय प्रभारी डाइट उप-प्राचार्य नरेंद्र उपाध्याय ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य शिक्षकों को आईसीटी एकीकरण, ई-कंटेंट निर्माण, और डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रभावी उपयोग में दक्ष बनाना है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में प्रतिभागियों को पावर पोंईंट,गुगल टुल्स, दिक्षा, स्वयं जैसे प्लेटफॉर्म पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अवसर पर प्राचार्य सुनील कुमार शर्मा, दिनेश चोटिया ने राज्य संदर्भ व्यक्ति स्टेट रिसार्स पर्सन के रूप में सत्र संचालित किया। उन्होंने शिक्षकों को “डिजिटल पेडागॉजी और “ब्लेंडेड लर्निंग की अवधारणा से परिचित कराया तथा उदाहरणों के माध्यम से बताया कि कैसे आईसीटी उपकरण शिक्षा को सीखने-केंद्रित और सहभागी बनाते हैं। सुनील शर्मा ने कहा कि आईसीटी प्रशिक्षण शिक्षकों के लिए न केवल तकनीकी साक्षरता का अवसर है, बल्कि सृजनशीलता और आत्मनिर्भर शिक्षण का मार्ग भी प्रशस्त करता है। प्रथम दिवस के दौरान प्रतिभागियों ने आईसीटी के विभिन्न घटकों, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्किंग, और डिजिटल संसाधनों का व्यावहारिक परिचय प्राप्त किया। साथ ही समूह गतिविधियों के माध्यम से उन्होंने यह भी समझा कि किस प्रकार आईसीटी के उपयोग से शिक्षण अधिक प्रभावी, आकर्षक और मूल्यांकन आधारित बन सकता है। इस प्रशिक्षण में चूरू जिले के समस्त ब्लॉक के विद्यालयों के आईसीटी लैब प्रभारी शिक्षक सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। कार्यशाला के आगामी सत्रों में ई-कंटेंट निर्माण, ऑनलाइन मूल्यांकन, और डिजिटल क्लासरूम प्रबंधन जैसे उन्नत विषयों पर प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रभागाध्यक्ष उमा सारस्वत, विजयलक्ष्मी शेखावत भी उपस्थित रहीं। डाइट चूरू का यह प्रयास नई शिक्षा नीति 2020 की उस भावना को साकार कर रहा है जिसमें कहा गया है शिक्षा का भविष्य तकनीक के सहयोग से ही सशक्त हो सकता है।

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