राजकीय बीडीके अस्पताल के पालनागृह में नवजात शिशु मिली

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
जिले के सबसे बड़े राजकीय बीडीके अस्पताल झुंझुनूं के पालनागृह में बीती रात को नवजात शिशु मिली। आपातकालीन नर्सिंग अधिकारी अनिल ढाका ने ड्यूटी के दौरान पाया कि पालनागृह की घंटी बजी। नर्सिंग अधिकारी अनिल ढाका एवं सीमा बेनीवाल पालना गृह पहुंचे तो पाया कि पालनागृह में नवजात शिशु है। नर्सिंग अधिकारी अविलंब नवजात शिशु को आपातकालीन इकाई में लेकर आए। सीएमओ डॉ. राजीव दूलड़ ने नवजात बालिका की प्रारंभिक जांच कर नवजात शिशु इकाई में भर्ती किया। नवजात शिशु इकाई प्रभारी डॉ. विजय झाझड़िया ने नवजात शिशु की पूर्ण स्वास्थ्य जांच की। आॅन काॅल शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा चौधरी के द्वारा बाल कल्याण समिति अध्यक्ष एवं पुलिस को सूचना दी गई। पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भांबू ने बताया कि नवजात शिशु की उम्र लगभग 32-34 सप्ताह प्रतीत हो रही है। नवजात शिशु बालिका हैं। नवजात की उम्र 12-48 घंटे प्रतीत हो रही है। नवजात शिशु को नवजात शिशु ईकाई में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। आमजन के द्वारा फेंके नहीं, हमें दे के तहत पालनागृह में छोड़ा गया है। विगत चार वर्षों में जिलेभर में एक भी नवजात को झाड़ियों एवं अन्य स्थल पर नहीं छोड़ा गया है। बल्कि सभी नवजात शिशुओं को बीडीके अस्पताल के पालनागृह में छोड़ा गया है। बीडीके अस्पताल का पालना गृह नवजात शिशुओं के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है। नवजात शिशु का वजन 2.5 किलो है। नवजात शिशु की नाल का साफ का नहीं होना, नाल का गहरा मटिया रंग प्रसव पूर्व मिकोनियम पास हो जाना प्रतीत होता है। सांस की तकलीफ होने पर सी-पैप मशीन, जीवनरक्षक दवाओं एवं हृदय सहयोगात्मक दवाओं से उपचार प्रारंभ कर दिया गया है। शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों, रेजीडेंट डॉक्टर्स एवं प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ द्वारा निरंतर मॉनिटारिंग की जा रही है। गत वर्ष तीन नवजात शिशु पालनागृह में मिले थे। इस वर्ष फरवरी में नवजात शिशु मिला था। अब दूसरी नवजात शिशु मिली है।
जिलेभर के पालनागृहो को बीडीके की तर्ज पर विकसित किया जाएगा
राजकीय बीडीके अस्पताल झुंझुनूं के पालनागृह का एडीजे डॉ. महेंद्र केएस सोलंकी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा निरिक्षण किया गया। एडीजे डॉ. सोलंकी ने पालना गृह की लोकेशन, घंटी की स्थिति एवं क्रियाशीलता, साफ सफाई, स्टाफ की तत्परता एवं घंटी के बाद स्टाफ को पहुंचने में लगने वाला समय, आपातकालीन इकाई में नवजात की सेवाओं की स्थिति के बारे में जानकारी ली गई। तथा आमजन में जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए गए। एडीजे डॉ. सोलंकी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से जिले के सभी पालना गृहों की क्रियाशीलता एवं निरिक्षण को बढ़ाया जाएगा। ताकि नजदीकी केंद्रों पर पर ही पालनागृहो की उपलब्धता हो सके। एडीजे ने नवजात शिशु इकाई में नवजात की स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली तथा बीडीके अस्पताल की व्यवस्थाओं की सराहना की गई। बीडीके अस्पताल के पालनागृह की जागरूकता व क्रियाशीलता नवजात शिशुओं के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। बीडीके अस्पताल की तर्ज पर जिलेभर के सभी पालना गृहों को विकसित किया जाएगा। पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भांबू ने बताया कि अब तक बीडीके अस्पताल के पालना गृह में विगत वर्षों में सात नवजात शिशु भर्ती किए जा चुके हैं। गत वर्ष तीन नवजात शिशु को पालना गृह से नवजात शिशु इकाई में भर्ती करवाया गया था। इस वर्ष यह दूसरा बच्चा है। इस दौरान पीएमओ डॉ. जितेंद्र भांबू, डॉ. सिद्धार्थ शर्मा, डॉ. विजय झाझड़िया, डॉ. नावेद, डॉ. सचिन शर्मा, आपातकालीन ईकाई नर्सिंग प्रभारी हजारीलाल व वीरपाल उपस्थित रहे।











