झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) एवं पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से बाल-संसद पुस्तिका का जिला स्तरीय विमोचन कार्यक्रम डाइट परिसर में आयोजित हुआ। डाइट प्रधानाचार्या सुमित्रा झाझड़िया ने बताया कि बाल-संसद पुस्तिका का उद्देश्य विद्यालयों में बाल संसद की संरचित स्थापना एवं संचालन के माध्यम से विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता, नागरिक चेतना एवं लोकतांत्रिक मूल्यों का संवर्धन करना है। यह एक ऐसा मंच प्रदान करता है। जहां छात्र-छात्राएं विद्यालयीय एवं सामुदायिक परिवेश की समस्याओं की पहचान कर सिस्टम थिंकिंग दृष्टिकोण के माध्यम से समाधान विकसित करने में सक्षम बनते हैं। डाइट प्रभागाध्यक्ष प्रमेंद्र कुल्हार ने बताया कि बाल संसद विद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा चलाया जाने वाला एक नेतृत्व मॉडल है। जो भारतीय संसद से प्रेरित होकर बनाया गया है। लेकिन इसकी संरचना पूरी तरह से विद्यार्थियों और स्कूल के संदर्भ के अनुसार ढाली गई है। इसका उद्देश्य बच्चों को सीखने, स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामाजिक जुड़ाव की जिम्मेदारी देना है। ताकि वे अपने अनुभवों से सीखते हुए एक सक्रिय नागरिक बन सकें। यह न सिर्फ विद्यार्थियों को बोलने और सोचने का मंच देती है, बल्कि उन्हें यह भी सिखाती है कि मिलकर काम कैसे किया जाता है। यह मॉडल विद्यार्थियों को आत्मविश्वासी, जिम्मेदार और चिंतनशील नागरिक बनाता है। वे अपने विद्यालय और समाज में बदलाव लाने वाले नागरिक बनते हैं। जो ना सिर्फ अपनी बात रखते हैं, बल्कि दूसरों की भी सुनते हैं। डाइट उपप्राचार्य सीमा सूरा ने अपने उद्बोधन में बताया कि बाल संसद न केवल बच्चों के सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक विकास को बल देती है। बल्कि उनके भीतर सहभागिता, संवाद कौशल, समस्या समाधान, रचनात्मकता एवं सहयोगात्मक कार्यशैली जैसे 21वीं सदी के महत्वपूर्ण कौशलों का निर्माण करती है। सीएमडीई प्रभागाध्यक्ष दीपेंद्र बुडानिया ने बताया की बाल-संसद पुस्तिका के नवाचार से शिक्षक इस संपूर्ण प्रणाली को छात्रों को सरल भाषा में समझाने में मदद करेंगे। वे संसद, लोकतंत्र और प्रतिनिधित्व की अवधारणाओं को गतिविधियों, चर्चाओं और उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करेंगे। विशेषकर राजनीति विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और भाषा विषयों के शिक्षक छात्रों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि वे भारतीय लोकतंत्र की मूल भावना को समझ सकें। वहीं पीरामल फाउंडेशन से संदीप सैनी एवं राजेंद्र सिंह ने कहा कि बाल संसद विद्यार्थियों को सहभागिता, समानता, सहानुभूति और सहयोग जैसे जीवन कौशल विकसित करने का अवसर देती है। शेरसिंह राजपूत ने बताया कि इससे बच्चे भविष्य में राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान दे सकेंगे। इस बुकलेट के संकलन में गांधी फेलो श्रद्धा पटेल का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर कार्यानुभव प्रभागाध्यक्ष अजय प्रेमी ने भी पहल की सराहना करते हुए इसे विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। साथ ही बताया की इस पुस्तिका विमोचन के सत्र उपरांत 40 पीईईओ के लिए बाल-संसद विषय पर उन्मुखीकरण सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रतिभा न्यौला, राजबाला ढाका, शशिकांत, मोना वर्मा, अंजू सैनी, अंजू कस्वां सहित डीएलएड के छात्रध्यापक उपस्थित रहे।