चूरू। महाकाल की तपोभूमि उज्जैन दर्शन-चिंतन के दिव्य अनुष्ठान की साक्षी बनने जा रही है। दर्शन परिषद् मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में 5 व 6 अक्टूबर 2025 को 21वां राष्ट्रीय अधिवेशन अपने वैभवपूर्ण स्वरूप में होगा। आयोजन सचिव प्रो. एस.के. मिश्र व दर्शन परिषद सचिव प्रो. श्रीकांत मिश्र के नेतृत्व में यह अधिवेशन भारतीय दर्शन व सामाजिक सद्भाव विषय पर आधारित नये आयाम स्थापित करेगा। राष्ट्रीय अधिवेशन में श्री-कीर्ति योग्य व्याख्यानमाला विशेष आकर्षण का केंद्र होंगी। गौरतलब है कि इस अधिवेशन में राजस्थान के चूरू जिले के राजकीय लोहिया महाविद्यालय के प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. मूलचंद चूरू का प्रतिनिधित्व करते हुये अपना व्याख्यान देंगे। प्रो. डॉ. मूल चन्द “योगदर्शन प्राचीन सूत्रों में समाहित वर्तमान जीवन प्रबंधन की कला एक अध्ययन” विषय पर अपना व्याख्यान देंगे। उनका यह विमर्श योग के शाश्वत सूत्रों से आधुनिक जीवन की जटिलताओं का समाधान खोजते हुए दर्शकों को आत्मानुशासन, संतुलन व सामाजिक सद्भाव के गहन रहस्यों से अवगत कराएगा। आपको बता दें कि प्रो. मूलचन्द को हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा ‘संस्कृत साधना सम्मान 2025’ से विभूषित किया गया है।