मृत्यु भोज के स्थान पर शिक्षा के क्षेत्र में खर्च, विद्यालय और छात्रावास में होगा मकान निर्माण
झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
भारतीय सामाजिक व्यवस्था में धीरे-धीरे सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। हाल ही में सात सितंबर रविवार को 95 वर्षीय भाति देवी का स्वर्गवास हो गया। परंपरागत मृत्यु भोज की प्रथा को त्यागते हुए उनके परिजनों ने समाजहित में शिक्षा क्षेत्र में राशि खर्च करने का संकल्प लिया है। स्व. भाति देवी के पुत्र विश्वंभरलाल–सुमित्रा देवी के पुत्र एवं पुत्रवधु संदीप सैनी वरिष्ठ अध्यापक एवं ब्लॉक संयोजक, माली सैनी समाज संस्था झुंझुनूं एवं सुनिता सैनी ने घोषणा की कि वे राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जीवाराम की ढाणी कासिमपुरा में एक मकान का निर्माण करवाएंगे। इसके साथ ही झुंझुनूं हेडक्वार्टर पर प्रस्तावित माली सैनी समाज छात्रावास में भी एक मकान निर्माण करवाया जाएगा। इस सराहनीय पहल की माली सैनी समाज संस्था झुंझुनूं के जिलाध्यक्ष महेंद्र शास्त्री, मीडिया प्रभारी नरेश बगड़, चिड़ावा ब्लॉक संयोजक देवकरण सैनी, उदयपुरवाटी ब्लॉक संयोजक जेपी सैनी, मंडावा ब्लॉक संयोजक संजय सैनी अलसिसरिया, नवलगढ़ ब्लॉक संयोजक विनोद सैनी, उपाध्यक्ष एसआई बाबूलाल सैनी, वरिष्ठ अध्यापक दलीप सैनी इस्लामपुर, भाजपा नेता मुरारी सैनी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, सिंघाना प्रधान सरला सैनी, उदयपुरवाटी चेयरमैन रामनिवास सैनी, खेतड़ी नगरपालिका चेयरमैन गीता सैनी, छोटेलाल नांगलिया, प्रधानाचार्य ओमप्रकाश सैनी आदर्श नगर, वरिष्ठ अध्यापक जमनालाल सैनी उदयपुरवाटी, पंचायत समिति सदस्य दिनेश कायस्थपुरा, वरिष्ठ अध्यापक रामप्रताप सैनी मेघसागर, हरफूलसिंह सैनी खंडेला, मुनेश सैनी नवलगढ़, भामाशाह रामस्वरूप सतरावला, सुनील सैनी सब इंस्पेक्टर, प्रोफेसर हितेश सैनी, नवनीत फौजी, जयभगवान सैनी, व्याख्याता घनश्याम सैनी बड़ागांव, सुरेश लालोढा सहित अनेक लोगों ने खुलकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल सामाजिक बदलाव का प्रतीक है। बल्कि शिक्षा और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य निर्माण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।