हनुमानगढ़।हिमांशु मिढ्ढा
धाणका समाज जनजाति संघर्ष समिति, जिला हनुमानगढ़ के नेतृत्व में सोमवार से शुरू हुआ अनिश्चितकालीन धरना व अनशन मंगलवार को भी दूसरे दिन जारी रहा। इस दौरान क्रमिक अनशन पर ओमप्रकाश धाणका, श्री रामकृष्ण धाणका, रमेश धाणका, दीपक धाणका एवं संध्या धाणका बैठे। जिला संयोजक माणक चंद धाणका और अध्यक्ष दीपक कुमार धाणका के नेतृत्व में समिति ने स्पष्ट किया कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांग पूरी नहीं होती।मंगलवार को समिति प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि भारत सरकार द्वारा 18 सितंबर 1976 के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (संशोधन) अधिनियम के तहत जारी गजट अधिसूचना में राजस्थान की अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 04 पर अंग्रेजी वर्तनी में Dhanka दर्ज है। इसका हिन्दी रूपांतरण 1979 के संस्करण में “धाणका” लिखा गया, जबकि केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा से प्राप्त आधिकारिक जानकारी के अनुसार Dhanka का शुद्ध हिन्दी रूप “धानका” है।वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान डिजिटल प्रणाली में जाति प्रमाण पत्र पोर्टल पर “धाणका” नाम अंकित है, जिससे प्रमाण पत्र जारी करने में विवाद और परेशानी उत्पन्न हो रही है। स्वतंत्रता पूर्व से राजस्थान में निवासरत धानका जनजाति के लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि 3 मार्च 2017 को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आदेश में यह स्पष्ट है कि कई जिलों में “धानका” नाम से प्रमाण पत्र ऑफलाइन जारी किए जाते रहे हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि “धानका” नाम से जनजाति को मान्यता प्राप्त है। समिति ने मांग की कि गजट में दर्ज “धाणका” नाम को सुधारकर “धानका” किया जाए और संशोधित सूची भारत सरकार को भेजी जाए।समाज प्रतिनिधियों ने कहा कि यह विवाद पूरे समुदाय का है और संविधान के अनुसार भाषा विवाद की स्थिति में अंग्रेजी वर्तनी को सही माना जाता है, इसलिए Dhanka का हिन्दी रूप “धानका” ही मान्य होना चाहिए। आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार से गंभीरता से कार्रवाई कर समाधान निकालने की मांग की और चेतावनी दी कि तब तक संघर्ष जारी रहेगा।