आरजेएस परीक्षा में गुरसिक्ख छात्रा से भेदभाव पर सिक्ख आक्रोशित, एक नूर खालसा फ़ौज ने ज्ञापन सौंपा
हनुमानगढ़। हिमांशु मिढ्ढा
राजस्थान में हाल ही में आयोजित हुई आरजेएस (राजस्थान न्यायिक सेवा) परीक्षा में एक गुरसिक्ख छात्रा के साथ हुई धार्मिक पहचान के आधार पर भेदभाव को लेकर सिख समाज में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। इस घटना के विरोध में ‘एक नूर खालसा फौज’ राजस्थान इकाई द्वारा प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप सिंह हनुमानगढ़ के नेतृत्व में जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें सरकार से विधानसभा में स्वयं वक्तव्य जारी करने की मांग की गई।ज्ञापन में बताया गया कि 27 जुलाई 2025 को जयपुर की एक यूनिवर्सिटी में आरजेएस परीक्षा के दौरान एक गुरसिख छात्रा, जो गाइडलाइन का पूर्णतः पालन कर रही थी, को पहले परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद बिना वैध कारण के बाहर निकाल दिया गया। यह पूरी घटना न केवल सिख मर्यादा बल्कि भारतीय संविधान की धारा 25 और 25(बी), सुप्रीम कोर्ट के 2004 के फैसले और दिल्ली हाईकोर्ट के 2024 के निर्णय की भी घोर अवहेलना है।प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप सिंह ने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि यह कृत्य न केवल गुरसिख छात्रा के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि इससे सिक्खो की भावनाओं को गहरी ठेस पहुँची है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ओर सरकार अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों से आए सिख शरणार्थियों के लिए नीतियां बनाती है, वहीं अपने ही देश के सिखों को परीक्षा जैसे मौलिक अवसरों से वंचित किया जा रहा है।ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा 2014 में विधानसभा में दिए गए ऐतिहासिक वक्तव्य की तर्ज पर वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं विधानसभा सत्र के दौरान सदन में स्पष्ट करें बताए कि कलेक्टर को आदेश दिए है कि सिख बच्चे स्कूल, कॉलेजो व प्रवेश परीक्षाओं में संवैधानिक तौर सिख ककार धारण कर परीक्षा दे सकते है।ज्ञापन के अंत में यह चेतावनी भी दी गई कि यदि इस विषय पर त्वरित संवैधानिक, प्रशासनिक और सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई, तो समूचा सिख कौम प्रदेश भर में जनआंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य होगा।सिक्ख प्रतिनिधिमंडल ने आशा व्यक्त की है कि मुख्यमंत्री स्वयं इस संवेदनशील विषय पर वक्तव्य देकर सिख समाज की भावनाओं का सम्मान करेंगे।इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप सिंह, जोगा सिंह, श्याम सिंह, ज्ञान सिंह, सतवीर सिंह, जसवीर अहमदपुर, बलकरण सिंह, तेजा सिंह, निरवैल सिंह, लखविंदर सिंह डबली, गुरप्रीत सिंह पीलीबंगा, गुरजंट सिंह धोलिपाल, लखविंदर पीलीबंगा, मेजर सिंह मानकसर, अमरजीत सिंह पीलीबंगा, भूपेंद्र सिंह, सोहन सिंह, सोनू सिंह, हरदीप सिंह व अन्य कौम के सदस्य मौजूद थे।