सेही कलां में शिव महापुराण कथा में नारद मोह, सती चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाए
चिड़ावा।दरिद्रता, रोग, दुख तथा शत्रु जनित पीड़ा…। ये चार प्रकार के कष्ट तभी तक रहते है जब तक मनुष्य भगवान शिव का पूजन नहीं करता है। भगवान शिव की पूजा होते ही सारे दुख विलीन हो जाते है एवं सुखों की प्राप्ति हो जाती है। भगवान शिव का पूजन एवं ध्यान सभी पापों एवं कष्टों को समाप्त करने वाला है। उक्त कथन वाणी भूषण पंडित प्रभुशरण तिवाड़ी ने सेहीकलां के शिवालय मंदिर में चल रही चल रही श्री शिव महापुराण कथा में द्वितीय दिवस व्यास पीठ से प्रवचन देते हुए कहे। तिवाड़ी ने भगवान शिव की पूजा की विधि, शिव लिंग के निर्माण की विधि, नारद मोह, सती चरित्र सहित अनेक प्रसंग सुनाए। कथा में भगवान शिव के सुमधुर भजनों से वातावरण भक्ति मय बन गया। कथा से पूर्व पंडित सियाराम शर्मा ने यजमान अशोक शर्मा को सपत्निक पूजन करवाया। इस अवसर पर डॉ. जगदीश शर्मा, भागीरथमल शर्मा, हुकमीचंद शर्मा, अरविंद शर्मा, संतोषसिंह शेखावत, मातूसिंह शेखावत, शीशराम गोस्वामी, जगदीश बड़सरा, विजेंद्र जांगिड़, रत्तिराम महरिया, मनोज नायक, बिहारीलाल शर्मा, हजारीलाल शर्मा, शिवलाल शर्मा, अरुण शर्मा, अशोक शर्मा, संदीप शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिला पुरुष मौजूद रहे। शुक्रवार से 31 जुलाई गुरुवार तक आयोजित होने वाली भगवान भोले नाथ की पवित्र कथा का समय दोपहर दो से शाम पांच बजे तक का रहेगा। संपूर्ण गांव की तरफ से आयोजित हो रहे ज्ञान, भक्ति व कर्म के आयोजन को लेकर ग्राम में उत्साह व भक्ति का माहौल है।