सूचना केंद्र से छेड़छाड़ की तो पूरा जिला पत्रकारों के साथ— राजेंद्र सिंह गुढ़ा

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पूर्व मंत्री पहुंचे सूचना केंद्र, पत्रकारों की चर्चा में लिया हिस्सा

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़

सूचना केंद्र के प्रेस वार्ता, पुस्तकालय, वाचनालय भवन को खत्म करके षड़यंत्रपूर्वक एसीबी न्यायालय को देने का विरोध सोमवार को और अधिक उग्र हो गया। एक तरफ जहां पीआरओ के आफिशियिल व्हाट्स एप ग्रुप से जिले के लगभग सभी पत्रकारों ने छोड़ दिया। तो वहीं सूचना केंद्र में आगामी रणनीति को लेकर चल रही पत्रकारों की चर्चा में पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा शामिल हुए। जिन्होंने ना केवल पत्रकारों के सामने ही मुख्यमंत्री के सचिव शिखर अग्रवाल तथा जिला कलेक्टर डॉ. अरूण गर्ग से फोन पर बातचीत की। बल्कि पत्रकारों को भरोसा दिलाया कि वे हर लड़ाई में उनके साथ है। उन्होंने कहा कि पत्रकार पूरे जिले का प्रतिनिधित्व करते है। हर सुख—दुख और आपदा में आमजन की आवाज बनते है। ऐसे में हर जनप्रतिनिधि, हर व्यक्ति को पत्रकार के साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के पास ना तो जगहों की कमी है, ना भवनों की कमी है और ना ही बजट की कमी है। एसीबी न्यायालय और कहीं भी खोला जा सकता है। लेकिन एडीएम डॉ. अजय कुमार आर्य ने पहले तो जिला कलेक्टर रामावतार मीणा को भ्रमित किया और जब मीणा की आंख खुली और वे पत्रकारों की बातों से सहमत हुए तो नए कलेक्टर डॉ. अरूण गर्ग को भ्रमित कर दिया है। लेकिन पत्रकार अपनी मांग को लेकर पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर गुढ़ा ने चेताया कि पत्रकार जो भी फैसला लेंगे। उसमें वे उनके साथ तन, मन और धन से है। इससे पहले सोमवार को पूर्व निर्धारित फैसले के अनुसार दोपहर 12 बजे से दोपहर दो बजे तक ग्रुप से जुड़े लगभग सभी पत्रकारों ने ग्रुप को अलविदा कह दिया। साथ ही फैसला लिया कि अब सरकारी खबरों का पूर्णतया बहिष्कार किया जाएगा।

एसएफआई कूदी आंदोलन में, जिलेभर में प्रदर्शन

इधर, एसफआई और डीवाईएफआई ने सोमवार को पूरे जिले में प्रदर्शन किया। जिला मुख्यालय पर प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज गुर्जर की अगुवाई में एसफआई कार्यकर्ताओं ने सूचना केंद्र से लेकर कलेक्ट्रेट तक विरोध रैली निकाली और नारों के जरिए पत्रकारों की हर लड़ाई में साथ होने की बात कही। यही नहीं विरोध को देखते हुए कलेक्ट्रेट पर भारी पुलिस जाब्ता भी लगाया गया। लेकिन पत्रकारों के निवेदन पर एसएफआई ने बिना कोई उग्र प्रदर्शन किए पत्रकारों के समर्थन में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। पंकज गुर्जर ने कहा कि सोमवार को तो पत्रकारों के निवेदन पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया। यदि जरूरत पड़ी तो उग्र प्रदर्शन के लिए भी एसएफआई और डीवाईएफआई हर कदम में पत्रकारों के साथ है। इसके अलावा मलसीसर, नवलगढ़ समेत अन्य जगहों पर भी संबंधित एसडीएम को ज्ञापन देकर सूचना केंद्र को सिर्फ पत्रकारों के लिए आरक्षित रखने की मांग की। मलसीसर में तहसील अध्यक्ष शोयब खान तथा नवलगढ़ में तहसील अध्यक्ष कर्मवीर गुर्जर के नेतृत्व में ज्ञापन दिया गया।

प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार शुरू हुआ

इधर, सोमवार से पुलिस और प्रशासन की खबरों के साथ—साथ किसी भी तरह की सरकारी प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार भी शुरू हो गया है। सोमवार को कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चोर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था। जिसे लेकर कार्यवाहक एसपी देवेंद्र सिंह राजावत कोतवाली में दोपहर एक बजे प्रेस वार्ता करने वाले थे। जिसकी सूचना भी दी गई। लेकिन एक भी पत्रकार प्रेस वार्ता में नहीं पहुंचा। परिस्थिति को कार्यवाहक एसपी भी भांप गए। जो कोतवाली नहीं पहुंचे। लेकिन स्थिति का जायजा लेने के लिए सिटी डीएसपी पहुंचे।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत कईयों ने दिया समर्थन

पत्रकारों के आंदोलन को समर्थन देने का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। सोमवार तक पांच दर्जन से अधिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों ने अपना समर्थन पत्रकारों को दिया और प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई को गलत ठहराते हुए इसका विरोध किया है। सोमवार को मुख्य रूप रूप से राजस्थान प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस जिलाध्यक्ष व नवलगढ़ पंचायत समिति प्रधान दिनेश सुंडा ने अपना समर्थन दिया। इसके अलावा देव सेना के प्रदेश सचिव धर्मपाल गुर्जर केसरीपुरा ने भी हीरामल महाराज के भक्तों के साथ पत्रकारों की लड़ाई में साथ लेने का संकल्प लिया। वहीं, नगर परिषद झुंझुनूं के निवर्तमान पार्षद प्रदीप सैनी, किसान नेता कुरड़ाराम जाखड़, सामाजिक कार्यकर्ता मेहर कटारिया चिड़ावा, प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन मंडावा, जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि विनोद चौधरी, ग्रुप 5172, ऑल इंडिया जमियतुल कुरेश संस्था, भ्रष्टाचार निरोधक एवं अत्याचार निवारण न्यास सिंह वाहिनी, लोक सेवा ज्ञान मंदिर ट्रस्ट जिला झुंझुनूं की सभी शाखाएं, भामरवासी सरपंच कमला जानूं, गिडानिया ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सुमेर सिंह, राजस्थान बेरोजगार यूनियन आदि ने समर्थन दिया।

प्रदेश स्तरीय नेताओं ने पत्रकारों से संपर्क साधा, सीएम से मिलवाने का आश्वासन

झुंझुनूं के पत्रकारों की मुखर आवाज जयपुर तक गूंज गई है। पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने मुख्यमंत्री के सचिव सीनियर आईएएस शिखर अग्रवाल से फोन पर बातचीत कर पूरी बात बताई। तो वहीं जयपुर से भी कई भाजपा नेताओं के फोन पत्रकारों के पास आए।जिन्होंने कहा कि वे आंदोलन में साथ है। साथ ही आश्वस्त किया है कि एक—दो दिन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से समय लेकर पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल को सीएम से मिलवाया जाएगा।

गुढ़ा ने एडीएम पर लगाया आरोप

सीएम सेक्रेट्री व कलेक्टर से बातचीत में पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने एडीएम डॉ. अजय कुमार आर्य की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आरपीएससी की दो—दो परीक्षाओं में झुंझुनूं में गड़बड़ियां हुई। इन दोनों परीक्षाओं के नोडल अधिकारी एडीएम डॉ. अजय कुमार आर्य थे। इन गड़बड़ियों को झुंझुनूं के पत्रकारों ने जनता के सामने रखा। तब से एडीएम ने पत्रकारों को लेकर खीज अपने अंदर बैठा ली। इसी का बदला लेने के लिए ऐसे षड़यंत्र रचे जा रहे है। आपको बता दें कि इन पहले आरएएस परीक्षा और बाद में ईओ—आरओ परीक्षा में गड़बड़ी सामने आई थी। इनमें से ईओ—आरओ परीक्षा में हुई गड़बड़ी का तो आज दिनांक तक एडीएम द्वारा पटाक्षेप नहीं किया गया है। पूरा मामला दबाने की नियत से खुलासा नहीं किया गया है। जिसमें ‘खेला’ करते हुए दोषियों को बचाने का काम एडीएम ने किया है। एडीएम पत्रकारों से इसलिए भी नाराज है। क्योंकि वे इस मामले को खुलने नहीं देना चाहते। बहरहाल, इन बातों में कितनी सच्चाई है। वो तो खुद एडीएम ही जानते है। लेकिन पत्रकारों के आंदोलन के बाद यह चर्चा ना केवल प्रशासनिक हलके, बल्कि राजनैतिक गलियारों में भी है।

एसएफआई ने झुंझुनूं में सौंपा ज्ञापन, उग्र आंदोलन की चेतावनी

छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने झुंझुनूं सूचना केंद्र भवन के अधिग्रहण के मामले में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कड़ा विरोध जताया। संगठन ने जिले के पत्रकारों द्वारा उठाई गई आवाज को पूरी तरह उचित और न्यायसंगत बताते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। जिला महासचिव प्रिया मिठारवाल बताया प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और इसके अस्तित्व, गरिमा व सुविधाओं के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ अस्वीकार्य है। राज्य उपाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि पूर्व में दिए गए स्पष्ट आश्वासनों के बावजूद सूचना केंद्र भवन को एसीबी न्यायालय के लिए आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इससे न केवल पत्रकारों की सुविधाएं प्रभावित होंगी। बल्कि वाचनालय और पुस्तकालय जैसी महत्वपूर्ण संस्थाएं भी समाप्त हो जाएगा। पूर्व जिलाध्यक्ष अनीश ने प्रशासन से मांग की कि सूचना केंद्र परिसर की मूल संरचना और उद्देश्य में छेड़छाड़ तत्काल रोकी जाए। एसीबी न्यायालय के लिए वैकल्पिक सरकारी भवन की पहचान की जाए और दोषी अधिकारियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच कर जवाबदेही तय की जाए। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि पत्रकारों की मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो एसएफआई जिले भर के विद्यार्थियों को साथ लेकर उग्र आंदोलन शुरू करेगा। जिला उपाध्यक्ष साहिल ने कहा, प्रेस की आवाज को दबाने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान मोहित टंडन, अमित शेखावत, शोएब खान, लक्की, ऋतु, पलक, प्रिया, पिंटू, अमित, अमन आदि मौजूद रहे।

मलसीसर और नवलगढ़ में भी एसएफआई ने सौंपा ज्ञापन

स्टूडेंट्स फैडरेशन ऑफ इंडिया ने सूचना केंद्र भवन के अधिग्रहण मामले में कलेक्टर के नाम मलसीसर और नवलगढ़ में उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। नवलगढ़ में छात्र संगठन एसएफआई ने तहसील अध्यक्ष कर्मवीर गुर्जर के नेतृत्व में झुंझुनूं सूचना केंद्र भवन अधिग्रहण मामले में पत्रकारों के समर्थन में उपखंड अधिकारी नवलगढ़ को जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। कर्मवीर गुर्जर ने बताया सूचना केंद्र भवन के अधिग्रहण के प्रयासों के विरुद्ध जिले के पत्रकारों द्वारा उठाई जा रही आवाज पूरी तरह उचित और न्यायसंगत है। प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, और उसके अस्तित्व, गरिमा और सुविधाओं से छेड़छाड़ किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जा सकती। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व में मिले स्पष्ट आश्वासनों के बावजूद पुनः पीआरओ कार्यालय की बिल्डिंग को एसीबी न्यायालय हेतु आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इससे न केवल पत्रकारों की सुविधाएं प्रभावित होंगी, बल्कि वाचनालय एवं पुस्तकालय जैसी अहम संस्थाएं भी समाप्त हो जाएंगी। ज्ञापन प्रस्तुत कर छात्र संगठन ने मांग कि है की सूचना केंद्र परिसर की मूल संरचना और उद्देश्य से छेड़छाड़ तत्काल रोकी जाए एवं एसीबी न्यायालय के लिए अन्य वैकल्पिक सरकारी भवनों की पहचान की जाए और दोषी अधिकारियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच हो और जवाबदेही तय की जाए। संयुक्त सचिव अमित सैनी ने कहा कि यदि पत्रकारों की मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो एसएफआई जिले भर में प्रत्येक विद्यार्थी को साथ लेकर उग्र आंदोलन करने के लिए तैयार है। प्रेस की आवाज को दबाने का कोई भी प्रयास हम सहन नहीं करेंगे। पत्रकारों के हक में एसएफआई मजबूती से उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। इस दौरान तहसील अध्यक्ष कर्मवीर गुर्जर, संयुक्त सचिव अमित सैनी, सिद्धार्थ, मुजाहिद, राजवीर सिंह, उमेद, चिराग, राहुल, अभिषेक व अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे। इसी तरह मलसीसर एसएफआई तहसील अध्यक्ष शोएब ख़ान के नेतृत्व में तहसीलदार के मार्फ़त जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।

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