43 किलोमीटर लंबे डबल ट्रैक पर जल्द शुरू होगा ट्रेनों और मालगाड़ियों का संचालन, दो माह की देरी से पूरा हुआ दोहरीकरण कार्य
चूरू। चूरू से मोलेसर तक बने डबल लाइन ट्रैक का मंगलवार को चीफ रेलवे सेफ्टी कमिश्नर (सीआरएस) टी. श्रीनिवास ने निरीक्षण किया। इस दौरान सीआरएस ने 26 किलोमीटर लंबे चूरू-मोलेसर ट्रैक पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलवाकर स्पीड ट्रायल भी किया।इससे पहले दिन में सीआरएस ने ट्रॉली से ट्रैक का निरीक्षण कर उसकी तकनीकी स्थिति का जायजा लिया। रेलवे सूत्रों के अनुसार सीआरएस ने ट्रैक पर संतुष्टि जताई है।माना जा रहा है कि जिस स्पीड से 26 किमी के ट्रैक पर ट्रेन दौड़ी है, उसको देखते हुए ओके रिपोर्ट ही मिलेगी। ओके रिपोर्ट मिलते ही संभवतया इसी महीने दोनों ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।चूरू-रतनगढ़ के बीच करीब 43 किलोमीटर लंबे इस दोहरीकरण प्रोजेक्ट से रेलवे यातायात में सुधार होगा और ट्रेनों की रफ्तार के साथ-साथ समय की बचत भी होगी। यह प्रोजेक्ट पहले मार्च 2025 तक पूरा होना था, लेकिन यह दो महीने की देरी से अब पूरा किया गया है।
आपको बता दें कि इसी वर्ष जनवरी माह में रतनगढ़ से मोलीसर के बीच 17 किलो मीटर मार्ग के दोहरीकरण कार्य का सीआरएस निरीक्षण हो चुका है।मंगलवार को चूरू से मोलीसर के बीच 26 किलो मीटर मार्ग का निरीक्षण पूरा हुआ है।अब जल्द ही चूरू-सादुलपुर डबल लाइन ट्रैक का काम शुरू होगा।उत्तर पश्चिम रेलवे के डीआरएम डॉ. आशीष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रैक की सुरक्षा जांच पूरी हो चुकी है। सभी जरूरी तकनीकी परीक्षणों के बाद इसे अंतिम स्वीकृति दी जाएगी, जिसके बाद डबल लाइन पर नियमित ट्रेन संचालन शुरू हो जाएगा।
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