ई-केवाईसी, अक्टूबर माह के वितरण ऑप्शन और लंबित कमीशन भुगतान को लेकर उठाई मांगें
चूरू। जिला कलेक्टर कार्यालय में जिला राशन विक्रेता संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने राशन वितरण में आ रही विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि अक्टूबर माह में राशन डीलरों को गेहूं की आपूर्ति देरी से की गई थी तथा 28 अक्टूबर को खाद्य विभाग द्वारा पोस मशीन बंद कर दी गई, जिसके चलते कई गांवों में राशन वितरण नहीं हो पाया। सामान्यतः ऐसी स्थिति में विभाग अगले माह कुछ दिनों के लिए पूर्व माह का वितरण विकल्प खोल देता है, लेकिन इस बार बार-बार निवेदन के बावजूद यह विकल्प नहीं खोला गया। प्रतिनिधिमंडल ने अक्टूबर माह के वितरण का विकल्प कम से कम पांच दिन के लिए खोलने की मांग की। राशन विक्रेताओं ने बताया कि वर्तमान नियमों के अनुसार यदि किसी परिवार के एक भी सदस्य की ई-केवाईसी नहीं होती है, तो पूरे परिवार का राशन बंद कर दिया जाता है, जो व्यवहारिक और न्यायसंगत नहीं है। इस व्यवस्था के कारण नवंबर व दिसंबर माह में करीब 10 से 15 प्रतिशत गरीब लाभार्थी राशन से वंचित रह गए हैं। उन्होंने विभाग को निर्देशित करने की मांग की कि ई-केवाईसी संबंधी प्रक्रिया में सुधार किया जाए तथा नवंबर माह के वितरण का विकल्प भी खोला जाए।ज्ञापन में यह मुद्दा भी उठाया गया कि राजस्थान राज्य खाद्य आपूर्ति निगम द्वारा राशन डीलरों को गेहूं की आपूर्ति ठेकेदार के माध्यम से कराई जाती है। पूर्व में डीलरों का कमीशन निगम के पास आता था, जिसे वर्ष 2022 में सरकार द्वारा ले लिया गया था, लेकिन अब तक डीलरों को यह भुगतान नहीं मिला है। बताया गया कि पिछले चार माह से नियमित डीलरों को तथा करीब आठ माह से अस्थायी डीलरों को कमीशन का भुगतान नहीं किया गया है, जबकि सरकार समय पर जिला रसद कार्यालय को राशि जारी कर देती है।राशन विक्रेताओं ने मांग की कि जिला रसद कार्यालय को निर्देशित किया जाए कि डीलरों का कमीशन समय पर उनके खातों में डाला जाए।इस अवसर पर प्रभारी सुलेमान, रामपीर, संरक्षक सहदेव, दाऊद थीम, शहर अध्यक्ष सलीम, मोहसिन, दुनाराम, आदुराम, जिला व तहसील कार्यकारिणी सदस्य सहित बड़ी संख्या में राशन डीलर उपस्थित रहे।













