पिता को कमिशन मिला तो मुस्कुराई तीन साल की बेटी ताक्षवि
झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
झुंझुनूं के युवा ना केवल सैनिक बनक, बल्कि सैनिक से भी आगे बढ़कर देश सेवा करने के लिए जज्बा रखते है। भारतीय सेना में 14 साल तक सैनिक रूप में देश सेवा करने वाले झुंझुनूं जिले के मझाऊ गांव निवासी 32 वर्षीय राजवीर मूंड ने भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से लेफ्टिनेंट कमिशन प्राप्त कर ना केवल परिवार को, बल्कि गांव और पूरे झुंझुनूं जिले को गौरवान्वित किया है। इस उपलब्धि पर उनके पिता पितराम मूंड, मां प्रमोद देवी, पत्नी पूनम मूंड तथा तीन साल की बेटी ताक्षवि भी देहरादून पहुंचे और उन्होंने राजवीर को बधाई देने के साथ—साथ राजवीर की उपलब्धि पर फक्र किया। इस दौरान जब लेफ्टिनेंट कमिशन का फोटो सेशन हो रहा था तो पिता की उपलब्धि पर तीन साल की मासूम बेटी ताक्षवि भी मुस्कुराई और तालियां बजाकर पिता को बधाई दी। यही नहीं अपने लेफ्टिनेंट पापा की कैप को भी शान से पहना।
जानकारी के अनुसार मझाऊ गांव निवासी लेफ्टिनेंट राजवीर मूंड ने कमीशन प्राप्त करने से पहले भारतीय सेना में 14 वर्षों तक एक जवान के रूप में देश की सेवा की थी। जिसके बाद उन्होंने अपनी योग्यता और दृढ़ संकल्प के बल पर अधिकारी प्रशिक्षण के लिए चयन हासिल किया। कल आईएमए से पास आउट होना उनकी कड़ी मेहनत और अटूट लगन का प्रमाण है। लेफ्टिनेंट राजवीर मूंड की यह सफलता सैन्य सेवा में कॅरिअर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए एक बड़ा प्रेरणा स्रोत है। उनके पिता पितराम मूंड और मझाऊ गांव के निवासियों ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है। राजवीर मूंड ने साबित कर दिया है कि समर्पण और निरंतर प्रयास से सेना के भीतर किसी भी स्तर पर शीर्ष तक पहुंचा जा सकता है। उनकी यह यात्रा दर्शाती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और देश सेवा की भावना से प्रेरित होकर, कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है और अपने गांव का नाम रोशन कर सकता है। आपको बता दें कि पिछले साल ही राजवीर के छोटे भाई सतवीर ने भी सीआईएसएफ में कांस्टेबल पद पर सेवा करते हुए एसआई का एग्जाम दिया और एसआई बनकर गौरवान्वित किया था। अपने अनुभव और जज्बे के दम पर दोनों भाइयों ने एक कांस्टेबल और जवान से एसआई और लेफ्टिनेंट तक का सफर प्राप्त कर प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत किया है। राजवीर मूंड की इस उपलब्धि की खुशी भी चार पीढी ने मनाई। लेफ्टिनेंट बनने के बाद सबसे पहले राजवीर मूंड ने अपने बुजूर्ग नाना से मिलने कुमावास गांव पहुंचे। जहां नाना हरनंद खीचड़ से अपनी उपलब्धि की खुशी बांटी। वहीं पिता, भाई और बेटी को भी लेफ्टिनेंट कैप पहनाकर खुशी मनाई। छोटा भाई भी जब राजवीर की पास आउट कार्यक्रम में पहुंचा तो सबसे पहले सेल्यूट किया। इसके बाद गले मिलकर बधाई दी।
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