नए श्रम कानूनों की प्रतियां जलाकर जताया रोष, 1976 के एक्ट को बहाल करने की मांग
चूरू। राजस्थान मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के बैनर तले चूरू के मेडिकल व सेल्स प्रतिनिधियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में नए श्रम कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने 21 नवंबर 2025 से लागू किए जा रहे नए श्रम कानूनों की प्रतियां जलाकर नारेबाजी की और सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया।दोपहर करीब 2 बजे यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि सेल्स प्रमोशन एम्प्लॉयीज एक्ट 1976 विशेष रूप से मेडिकल व सेल्स प्रतिनिधियों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था, जिसे नई श्रम संहिताओं के लागू होने के साथ समाप्त कर दिया गया है। इससे लाखों कार्मिकों के अधिकारों और सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।यूनियन ने मांग की कि केंद्र सरकार श्रम संहिताओं को लागू करने की प्रक्रिया तुरंत रोके और 1976 के एक्ट को यथावत रखा जाए। पदाधिकारियों ने बताया कि मजदूरों के लंबे संघर्षों और बलिदानों से बने 44 श्रम कानूनों में से 29 को खत्म कर चार श्रम संहिताओं में बदल दिया गया है, जिससे 74% मजदूर सामाजिक सुरक्षा और 70% उद्योग श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे।उन्होंने यह भी कहा कि नई लेबर कोड में हड़ताल करने पर मजदूरों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है, जो मजदूर-विरोधी है। इसी कारण इन श्रम संहिताओं को लागू किए जाने का कड़ा विरोध किया जा रहा है।
पीडीयू मेडिकल कॉलेजके अधूरे निर्माण कार्यों पर कार्रवाई | राजमेस टीम ने HSCL को 4 महीने की डेडलाइन
चूरू में एसपी जय यादव का पैदल मार्च | आमजन से संवाद व सुरक्षा का जायजा | Churu Police News
ग्राम पंचायत के मुख्यालय निर्धारण को लेकर बढ़ा विवाद | लुटाना मगनी के ग्रामीणों ने जताया विरोध |












