हनुमानगढ़।हिमांशु मिढ्ढा
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ हनुमानगढ सभा भवन में महामनिषी महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सूरजप्रभा जी ठाणा-3 के सान्निध्य में आज आयुर्वेदिक जीवन पद्धती एवं प्राकृतिक जीवनशैली विषय पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. किशोर, सुप्रसिद्ध आर्युवैद विशेषज्ञ, ने उपस्थित जनसमूह को प्राकृतिक उपचार पद्धति के सिद्धांतों, लाभों और दैनिक जीवन में अपनाए जा सकने वाले आसान उपायों की जानकारी दी।डॉ. किशोर ने अपने व्याख्यान में बताया कि प्रकृति हमारे शरीर की स्वाभाविक चिकित्सक है। सही आहार, शुद्ध जल, उचित दिनचर्या, सूर्य, वायु और मिट्टी जैसे प्राकृतिक तत्वों का संतुलित उपयोग शरीर को बिना दवाइयों के स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
उन्होंने तनावमुक्त जीवन, नियमित योग-प्राणायाम तथा प्राकृतिक खान-पान को आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया।व्याख्यान के दौरान उन्होंने डिटॉक्स विधियों, उपवास प्रबंधन, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्राकृतिक तरीकों तथा सामान्य बीमारियों के घरेलू प्राकृतिक उपचारों पर भी विस्तार से चर्चा की। साध्वी श्री डॉ॰ लावण्ययशा जी ने कहा कि व्यक्ति जैन जीवनशैली को अपनाकर अपने जीवन को सुंदर और व्यवस्थित रूप से जी सकता है। प्रकृति के साथ जैन धर्म का एक अलग अपना जुड़ाव है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या श्रावक-श्राविकाओ और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम लोगों को प्रकृति के निकट लाकर स्वस्थ समाज निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अंत में सभी उपस्थितजनों ने कार्यक्रम की सराहना की और डॉ. किशोर का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में तेरापंथ सभा व महिला मण्डल हनुमानगढ़ टाउन द्वारा साहित्य एवं मोमेंटो सम्मान स्वरूप भेंट किया गया।













