रीज्वाइनिंग के पांच दिन बाद चिड़ावा प्रधान का इस्तीफा, जिला प्रमुख ने 45 दिन लगा दिए मंजूर करने में

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झुंझुनूं। अजीत जांगिड़
जिले की चिड़ावा पंचायत समिति प्रधान इंदिरा डूडी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दिलचस्प बात यह है कि दुबारा चिड़ावा प्रधान का कार्यभार संभालने के पांच दिन बाद ही इंदिरा डूडी ने इस्तीफा दे दिया था। जबकि जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि ने इसे मंजूर करने में 45 दिन का समय निकाल दिया। जिस वक्त इंदिरा डूडी का इस्तीफा मंजूर किया गया और खबर सामने आई। उस वक्त इंदिरा डूडी झुंझुनूं कलेक्ट्रेट में प्रधान के तौर पर सांसद बृजेंद्र ओला की अध्यक्षता में चल रही दिशा की बैठक में मौजूद थी और बीडीओ समेत अन्य अधिकारियों पर आरोप लगा रही थी। इस बारे में जब इंदिरा डूडी को पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि वे इस्तीफा दे चुकी है। अन्य बातें जल्द ही प्रेस कांफ्रेंस में करेगी। हालांकि उन्होंने कल ही प्रेस कांफ्रेंस करने की बात कही है। इधर, जानकारी में सामने आया है कि अपने निलंबन के बाद हुई जांच में क्लीन चिट मिलने के बाद प्रधान इंदिरा डूडी ने 1 अक्टूबर 2025 को ही वापिस कार्यभार संभाला था। इस कार्यभार संभालने के पांच दिन बाद, यानि कि 6 अक्टूबर 2025 को उन्होंने जिला प्रमुख को अपना इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए दे दिया था। अब तक यह इस्तीफा सिर्फ फाइलों में था। लेकिन बाहर नहीं आया। आज 45 दिन बाद जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि ने इसे स्वीकार किया है। लेकिन पंचायतीराज अधिनियम में इस्तीफा देने के 15 दिन के दरमियान यदि इस्तीफा वापिस नहीं लिया जाता है तो वह प्रभावी हो जाता है। फिर भी 45 दिनों तक इस्तीफा स्वीकार ना करना सवाल पैदा कर रहा है। जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि की मानें तो नियमों के अनुसार ही उन्होंने निर्धारित समयावधि के बाद इस्तीफा स्वीकार किया है। हालांकि अब कार्यकाल भी 20 दिनों का शेष है। 10 दिसंबर 2025 को प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो रहा है।

बैठक में आरोप लगा रही थी और बोली दे रही हूं इस्तीफा

जिस वक्त सोशल मीडिया पर प्रधान का 6 अक्टूबर का लिखा हुआ इस्तीफा और शुक्रवार को जिला प्रमुख द्वारा इस्तीफा स्वीकार करने का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। उसी वक्त प्रधान इंदिरा डूडी ना केवल दिशा की बैठक में उपस्थित थी। बल्कि चिड़ावा बीडीओ समेत अन्य अधिकारियों पर आरोप लगा रही थी कि वे कार्य में उनका सहयोग नहीं करते। फाइलों को साइन के लिए उनके पास नहीं भेजते। साथ ही यह भी कह रही थी कि वे अधिकारियों द्वारा सहयोग ना करने पर इस्तीफा देगी। जबकि अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर प्रधान इंदिरा डूडी डेढ महीने पहले छह अक्टूबर को इस्तीफा दे चुकी थी।

20 दिन का कार्यकाल ही शेष

कांग्रेस की इंदिरा डूडी 10 दिसंबर 2020 को चिड़ावा पंचायत समिति की प्रधान बनीं थी। उन्हें प्रधान बनाने में तत्कालीन मंत्री और वर्तमान सांसद बृजेंद्र ओला व तत्कालीन विधायक जेपी चंदेलिया का योगदान था। इसके बाद नौ जुलाई 2024 को इंदिरा डूडी के खिलाफ कांग्रेस के ही उप प्रधान विपिन नूनियां व उनके राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी रोहिताश धांगड़ आदि मिलकर अविश्वास प्रस्ताव लाए। इस अविश्वास प्रस्ताव पर 18 जुलाई 2024 को चर्चा हुई। जिसमें एक वोट से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। यह वोट भाजपा नेता बबलू चौधरी की पत्नी का था। जो चिड़ावा पंचायत समिति में निर्दलीय सदस्य है। इसके बाद 12 अक्टूबर 2024 को भ्रष्टाचार सहित अन्य आरोपों के चलते सरकार ने इंदिरा डूडी को निलंबित कर दिया था। कोर्ट में मामला चला। सरकार ने रोहिताश्व धांगड़ को कार्यवाहक प्रधान भी मनोनीत कर दिया। लेकिन इसी दौरान सरकार की जांच रिपोर्ट आई। जिसमें प्रधान डूडी को क्लीन चिट दे दी गई। क्लीन चिट मिलने के बाद उन्हें बहाल किया गया और आदेशों की पालना में एक अक्टूबर 2025 को इंदिरा डूडी ने वापिस कार्यभार संभाला। लेकिन इसके पांच दिन बाद 6 अक्टूबर 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इंदिरा डूडी ने इस्तीफा जिला प्रमुख को दे दिया। इसके 45 दिन बाद शुक्रवार को जिला प्रमुख ने प्रधान इंदिरा डूडी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।

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