झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
सिंघानिया विश्वविद्यालय पचेरी के फुटबॉल ग्राउंड का नाम रेजांग ला रखा जाएगा। यह घोषणा डॉ. मनोज कुमार अध्यक्ष सिंघानिया विश्वविद्यालय ने 1962 के सिनो-इंडिया युद्ध के वीरों को श्रद्धांजलि देते हुए की। इस नामकरण से शेखावाटी क्षेत्र के युवाओं को अपने स्थानीय वीरों के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों को याद रखने में मदद मिलेगी। वे झुंझुनूं जिले के सांतौर गांव में नायब सूबेदार वीर चक्र अवार्ड विजेता शहीद हरिराम यादव की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा कर्मचारियों के बच्चों को सिंघानिया विश्वविद्यालय में 35 प्रतिशत विशेष छात्रवृत्ति दी जाती है। इस अवसर पर कई पूर्व सैनिक, छात्र और शिक्षक उपस्थित थे। अजीत सिंह ने रेजांग ला में 13 कुमायूं रेजिमेंट के बहादुरी के कार्यों का वर्णन करते हुए कहा कि लगभग 120 भारतीय सैनिकों ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय क्षेत्र को फिर से प्राप्त करने के लिए 5000 चीनी सैनिकों से मुकाबला किया। इस प्रक्रिया में उनमें से लगभग 114 ने अपनी जान गंवाई। यह युद्ध 18 नवंबर 1962 को लड़ा गया था। जब देश भर के लोग दिवाली का त्यौहार मना रहे थे। रेजांग ला 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और उस दिन तापमान -40 डिग्री सेल्सियस था। क्रिकेट टूर्नामेंट के विजेताओं को ट्रॉफी और नकद पुरस्कार दिए गए। आठ दिनों तक चलने वाले टूर्नामेंट में नांगलकट्टा, रासोलपुर/कलाकी और वासिरपुर क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। महिलाओं को भी खेल गतिविधियों के लिए पुरस्कार दिए गए। इस मौके पर सुनिल कुमार सोबती सीएफओ, प्रो पीएस जस्सल कैंपस डायरेक्टर और डॉ. पवन त्रिपाठी प्रो-प्रेसिडेंट सिंघानिया विश्वविद्यालय भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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