वाहनों के निस्तारण में थपथपाई पीठ, तो पेंडेंसी पर नाराजगी

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
झुंझुनूं जिले के दो दिन के वार्षिक निरीक्षण पर आई पुलिस मुख्यालय में आईजी क्राइम परम ज्योति ने झुंझुनूं ग्रामीण डीएसपी कार्यालय में स्थित मोरारका सभागार में जिले के पुलिस अधिकारियों, एसएचओ और जांच अधिकारियों के साथ क्राइम बैठक की। बैठक में एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने जिले की स्थिति के बारे में अवगत करवाया। सभी बिंदूओं पर चर्चा करने के बाद आईजी परम ज्योति ने कहा कि नकारा, अनुपयोगी और जब्तशुदा वाहनों के निस्तारण में झुंझुनूं पुलिस ने काफी अच्छा काम किया है। इसलिए उन्होंने एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय समेत सभी पुलिस अधिकारियों की पीठ थपथपाई। तो वहीं पेंडिंग प्रकरणों को लेकर नाराजगी भी जाहिर की। आईजी परम ज्योति ने कहा कि लंबे समय से पेंडिंग चल रहे प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करें। इस मौके पर उन्होंने बताया कि चर्चा में कार्यबल, यानि कि पुलिस अधिकारियों, खासकर जांच अधिकारियों की कमी सामने आई है। जो पूरे राजस्थान की समस्या है। कांस्टेबल से लेकर एएसआई तक के प्रमोशन लगातार चल रहे है। वहीं एसआई की प्रक्रिया अगले साल जनवरी से शुरू होगी। तो भी नए एसआई का बैच आने में अभी एक से डेढ़ साल का समय लगेगा। वहीं साइबर फ्रॉड को पूरे देश के सामने चैलेंज बताते हुए उन्होंने आमजन को किसी भी प्रकार के झांसे और लालच में आने की हिदायत दी और कहा कि पुलिस और सभी एजेंसी अपने स्तर पर काम कर रही है। फिर भी सतर्कता और जागरूकता ही इसका पहला बचाव है।
जवानों की समस्याएं सुनीं, समाधान के दिए निर्देश
आईजी क्राइम परम ज्योति ने पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने, लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने और अपराध नियंत्रण को मजबूत बनाने के लिए कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने साफ कहा कि अपराध नियंत्रण में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शुक्रवार को आईजी परम ज्योति ने पुलिस लाइन, एसपी कार्यालय, जिला विशेष शाखा और सीओ सिटी कार्यालय सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों का विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस के कार्य-प्रणाली, अनुशासन, संसाधनों और लंबित प्रकरणों की स्थिति का गहन मूल्यांकन किया। पुलिस लाइन में उन्होंने परेड का निरीक्षण करते हुए जवानों की ड्रिल, वर्दी, हथियारों की स्थिति और परेड ग्राउंड की व्यवस्थाओं को परखा। इसके बाद आयोजित संपर्क सभा में जवानों ने आवास समस्या, संसाधनों की कमी और फील्ड चुनौतियों से जुड़े मुद्दे सामने रखे, जिन्हें आईजी ने गंभीरता से सुना और समाधान के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान पुलिस लाइन में क्राइम सीन का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें आधुनिक तकनीक, साक्ष्य संकलन और वैज्ञानिक जांच पद्धति का डेमो दिया गया। आईजी ने कहा कि हर अपराध स्थल की जांच वैज्ञानिक तरीके से होनी चाहिए और छोटी से छोटी बारीकी पर ध्यान देना अनिवार्य है। इसके बाद एसपी कार्यालय में उन्होंने रिकॉर्ड रूम, पंजीयन रजिस्टर, लंबित मामलों की प्रगति, अपराध ग्राफ और दस्तावेजों के रखरखाव की स्थिति की विस्तृत जांच की। उन्होंने अधिकारियों से देरी के कारणों और त्वरित निस्तारण के उपाय पूछे। आईजी कौर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता हो, विशेषकर महिलाओं और बच्चों से जुड़े प्रकरणों में संवेदनशील व्यवहार और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही उन्होंने बढ़ते साइबर अपराधों पर गंभीर चिंता जताते हुए साइबर फ्रॉड मामलों में तत्काल अलर्ट और पीड़ितों को त्वरित राहत देने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिला विशेष शाखा, सीओ सिटी कार्यालय और अन्य शाखाओं में ऑफिस मैनेजमेंट, केस डायरी, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और कर्मचारियों की उपस्थिति का भी जायजा लिया।पुलिस लाइन के आवासीय परिसर का निरीक्षण करते हुए उन्होंने आवास स्थितियों पर असंतोष जताया और कहा कि बेहतर सुविधाएं पुलिसकर्मियों के मनोबल के लिए जरूरी हैं। उन्होंने आवास मरम्मत व सुविधाओं के विस्तार के लिए शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए।













