झुंझुनूं में बाल अधिकार सप्ताह का हुआ आगाज

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
झुंझुनूं में बाल दिवस के मौके पर बाल अधिकारिता विभाग की ओर से जिले में बाल अधिकार सप्ताह का आगाज किया गया। इंडाली गांव की राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में सप्ताह के शुभारंभ के मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झुंझुनूं के सहयोग से बच्चों के लिए विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया। डालसा के सचिव एडीजे डॉ. महेंद्र के. सिंह सोलंकी, बाल अधिकरिता विभाग के सहायक निदेशक अरविंद ओला, डीईओ सैकंडरी राजेश मील तथा स्कूल के प्रिंसिपल सुरेंद्र डूडी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर डालसा सचिव एडीजे डॉ. सोलंकी ने कहा कि बाल दिवस के मौके पर बच्चों को विधिक साक्षरता से जोड़ने का प्रयास किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि अधिकार की बात तो सभी करते है। लेकिन हमें कर्तव्यों की बात भी करनी चाहिए और उसे समझना भी चाहिए। जब तक हम अधिकारों की मांग के साथ कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करेंगे। देश आगे नहीं बढ सकता। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बच्चों को शिक्षा के साथ—साथ संस्कारों की जरूरत है। बच्चे ही देश का भविष्य है। इसलिए उनका शिक्षा के साथ—साथ संस्कारवान बनाना हमारी जिम्मेदारी है। इस मौके पर अन्य अतिथियों ने भी बच्चों को शिक्षा और संस्कार ग्रहण करके अच्छे इंसान बनने का आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान बाल संसद का भी आयोजन किया गया। जिसके जरिए बच्चों को चुनाव से लेकर मंत्री परिषद गठन और मंत्रियों के काम—काज व जिम्मेदारियों से रूबरू करवाया गया। इस मौके पर एडीईओ राजेश हलवान, चाइल्ड हेल्पलाइन के परियोजना समन्वयक महेश कुमार मांजू, राजस्थान महिला कल्याण मंडल झुंझुनूं की परियोजना समन्वयक चेतना शर्मा ने विचार रखे। जबकि बाल अधिकारिता विभाग झुंझुनूं के संरक्षण अधिकारी विकास कुमार राहड़, आउटरीच वर्कर पूनम कुमारी, चाइल्ड हेल्पलाइन टीम से काउंसलर अरविंद कुमार, सुपरवाइजर नीतू, केस वर्कर आमोद, राजस्थान महिला कल्याण मंडल् से अदिती व मनोज, डालसा से राजेश व अनिल आदि मौजूद थे। वक्ताओं ने बाल अधिकारों, बाल सुरक्षा, बाल श्रम व बाल विवाह रोकथाम तथा बच्चों की शिक्षा एवं व्यक्तित्व विकास के महत्व पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। स्कूल के विद्यार्थियों ने बाल दिवस के उपलक्ष्य में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। जिनमें नृत्य, गीत, कविता एवं पोस्टर प्रमुख आकर्षण रहे। विशेष रूप से बाल अधिकारों पर आधारित नाटक ने उपस्थित जनसमुदाय को अत्यंत प्रभावित किया। कार्यक्रम में बच्चों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। बाल अधिकारिता विभाग द्वारा बाल संरक्षण सेवाओं व चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई। जिससे अभिभावकों एवं शिक्षकों को बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए उपलब्ध संसाधनों के बारे में जागरूक किया जा सके।












