हनुमानगढ़। हिमांशु मिढ्ढा
एन.एम. ला पी.जी. कॉलेज, हनुमानगढ़ टाउन में हुई राष्ट्रीय बाल लेखक सभ्याचार कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि स. सुखी बाठ (संस्थापक, पंजाब भवन सरी, कनाडा) तथा विशेष अतिथि डा. सीताराम प्रिंसीपल एन एम लॉ कॉलेज, जितेंद्र बठला जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, रजनीश गोदारा ए सी बी ओ पीलीबंगा रहे । स. कुलदीप सिंह ने मंच संचालन किया एवं समस्त गतिविधियों का समन्वय किया। स. सुखी बाठ ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजस्थान में पंजाबियों को पंजाबी भाषा, साहित्य तथा सभ्याचार से जुड़े तथा उसे प्रफुल्लित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। सभी भाषाएं सम्मानित हैं पर मातृभाषा का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। ‘नवींयां कलमां नवीं उड़ान’ प्रोजेक्ट के प्रभारी ओंकार सिंह तेजे और गुरविदर सिंह कांगड़ ने बताया कि पंजाब भवन सरी कनाडा द्वारा चलाए जा रहे प्रोजेक्ट के बारे तथा विश्व के विभिन्न भागों में बच्चों को पंजाबी साहित्य से जोड़ने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। राजस्थान प्रभारी राजेंद्र सिंह सहू के नेतृत्व में बच्चों में साहित्यिक अभिरूचि के विकास के लिए इस अवसर पर 105 बाल लेखकों की पुस्तक का विमोचन भी किया गया एवं इस तरह के आयोजन आगे भी निरंतर जारी रखे जाए। राजेंद्र सिंह सहू ने एन.एम.ला कालेज प्रिंसीपल डा सीताराम एवं कालेज प्रशासन का इस आयोजन में सहयोग के लिए धन्यवाद किया। जिला मीडिया प्रभारी बलकरण सिंह ने हनुमानगढ़ के सभी स्कूल से आए बच्चों को पंजाबी में अपनी मौलिक रचनाएं लिखने के लिए प्रेरित किया निर्णायक मंडल प्रभारी करनैल सिंह औलख ने परिणाम घोषित किए जिसमें प्राइमरी वर्ग की लोक पहरावा प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान क्रमशः सानिया, तेगमीत कौर, जपसिमरत कौर रस्साकशी प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान क्रमशः डी ए वी स्कूल, गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय 45 SSW ।रुमाल झपट्टा प्रतियोगिता में प्रथम डी ए वी स्कूल तथा मिडिल वर्ग की लोक नाच प्रतियोगिता में क्रमशः परनीत कौर, उमीशा, गौरी ,खुश्मीत कौर, अश्विन कौर कविता पाठ में डोली, इंद्रप्रीत कौर, मनदीप कौर, कैलीग्राफी प्रतियोगिता में शानमीत सिंह, आराध्या, गरिमा गलगट।सीनियर सेकेंडरी वर्ग की लोकनाच प्रतियोगिता में सपना , खुश्मीत, प्रीति, जसमीत, बलजीत कौर कविता पाठ में जोबन बीर कौर, तीर्थ कौर, खुशी, लोक पहरावा प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान क्रमशः कमलदीप, जैपनीत कौर धालीवाल जन्नत ।प्रतिभागी विजेता रहे। समस्त व्यवस्थाऐं जसकरण सिंह, हर्षिंपीदर सिंह, ने संभाली। इसी दिन शाम को सोमपाल हीरा द्वारा प्रस्तुत नाटक ‘भाषा वैंदा दरिया’ नाटक ने सबका मन मोह लिया।कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन राजस्थान में पंजाबी बोली : संभावनाएं, समस्याएं एवं भविष्य विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ। जिसमें ओंकार सिंह तेजे ने राजस्थान में पंजाबी बोली की संभावनाएं तथा गुरविंदर सिंह कांगड़ा ने राजस्थान में पंजाबी बोली की समस्याओं तथा भविष्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी। रूप सिंह राजपुरी ने कविता के माध्यम से पंजाबी बोली से जुड़ने का संदेश दिया। राजस्थान के एकमात्र मैगजीन पैड़ां के संपादक राजेंद्र सिंह सहू ने राजस्थान में पंजाबी के साहित्यिक माहौल के सृजन के लिए बच्चों को साहित्यिक गतिविधियों के साथ जोड़ने की जरूरत पर बल दिया।बलकरन सिंह ने समय-समय पर पंजाबी से संबंधित सेमिनार आयोजित करने के लिए प्रेरित किया। डॉ सीताराम जी ने सभी को धन्यवाद दिया। स. अनोख सिंह, हर्षपिंदर सिंह, जसकरण सिंह एवं कुलदीप सिंह ने भी अपने विचार रखे।













