राज्य आयोग ने विवादित आदेश को खारिज कर मामला रिमांड किया

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झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
राज्य उपभोक्ता आयोग जयपुर ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग झुंझुनूं के द्वारा वाद विचारण के दौरान पारित अंतरिम विवादास्पद आदेश को विधि विरुद्ध मानकर खारिज कर मामले को फिर से सुनवाई के लिए रिमांड किया है। मामले के अनुसार सखी महिला मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड चनाना के सुपरवाइजर व कुमावास दुग्ध बूथ संचालिका सजना देवी ने अधिवक्ता संजय महला व सुनिता महला के जरिए निगरानी याचिका दायर कर बताया कि दूध में मिलावट की शिकायतों के चलते एक मेम्बर से दूध लेने से मना कर दिया था। जिस पर उसनें सखी महिला मिल्क कंपनी के विरुद्ध जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर दूध सप्लाई शुरू कराने की मांग की। जिला आयोग ने दिनांक नौ मई 2024 को वाद लंबित रखते हुए अंतरिम आदेश जारी कर आदेश दिया कि परिवादियां से पूर्व की भांति दूध लेना जारी रखे व पालना रिपोर्ट सात दिन में आयोग के समक्ष पेश करें। इस निर्णय की पालना नहीं होने पर जिला आयोग के अध्यक्ष व सदस्य की बैंच ने 20 मई को दंडात्मक कार्यवाही भी शुरू कर कंपनी के सुपरवाइजर व कुमावास बूथ संचालिका सजना देवी को अभियुक्त के बतौर 24 मई को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए एसपी को जमानती वारंट तस्दीक कराने के आदेश दिए। दोनों के हाजिर होने पर उन्हें 10 हजार रुपए के बंध पत्र व इसी राशि की जमानत प्रस्तुत करने पर रिहा करने का आदेश जारी किए। बहस में अधिवक्ता संजय महला व सुनिता महला ने राज्य आयोग के समक्ष जिला आयोग के अंतरिम आदेश को विधि विरुद्ध व मनमाना बताते हुए कहा की मामला आमजन के स्वास्थ्य व मिलावटी दूध की सप्लाई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय व कई उच्च न्यायालयों ने कड़ा रूख अपनाते हुए मिलावटी मामलो को गंभीर मानते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं। जिला आयोग ने मनमाने तरीके से त्वरित कार्यवाही कर अपनी विधिक शक्तिओं का अतिक्रमण किया है तथा विभिन्न न्यायालयों के प्रतिपादित निर्णयों की अनदेखी की है। इसलिए न्याय हित में आयोग द्वारा पारित विवादास्पद अंतरिम आदेश को खारिज किया जाए। मामले की सुनवाई कर रहे आयोग के सदस्य निर्मलसिंह मेड़तवाल व मुकेश ने दोनों पक्षों को सुनने व रिकॉर्ड के अवलोकन के बाद विवादास्पद फैसले को विधि विरुद्ध मानते हुए इसे खारिज कर रिकॉर्ड को वापस भेजते हुए मामले को रिमांड कर नए सिरे से सुनवाई करने के आदेश जारी कर दोनों पक्षकारों को आदेश दिए है कि वे जिला आयोग के समक्ष 28 अक्टूबर को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें।

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