स्वर कोकिला स्मृति संध्या में लता मंगेशकर को भावभीनी श्रद्धांजलि

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झुंझुनूं के धुन कक्ष में सुरों और यादों से सजी संगीतमयी संध्या, प्रसिद्ध गायकों के गीतों ने भी बाँधा समां

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
शहर के धुन कक्ष में भारत की स्वरकोकिला लता मंगेशकर की याद में स्वर कोकिला – स्मृति संध्या एक भव्य संगीतमयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुरों और भावनाओं से सजे इस आयोजन में लताजी के अमर गीतों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत लता जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इसके बाद एक के बाद एक लता जी के सदाबहार गीत गाए गए। जिनमें भक्ति और रोमांस की झलक बखूबी देखने को मिली। हर गीत पर श्रोता तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाते रहे। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि लता जी की यादों के साथ ही इस माह मे प्रसिद्ध गायकों के जन्मदिन होने पर उदित नारायण, शान और कुमार शानू को भी गीतों के जरिए शुभकामनाएं दी। इनके लोकप्रिय गीतों की प्रस्तुतियों ने भी श्रोताओं का दिल जीत लिया और संध्या को और भी रंगीन बना दिया। इस मौके पर उपस्थित श्रोताओं ने कहा कि लता जी सिर्फ एक गायिका नहीं बल्कि भारत की आत्मा की आवाज थीं। उनकी आवाज आने वाली पीढ़ियों तक संगीत प्रेमियों को प्रेरित करती रहेगी। इस मौके पर राजबाला ढाका ने तेरा साथ है तों मुझे क्या कमी है…, श्रीचंद ने तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है…, बिलाल शेख ने सोलह बरस की बाली उम्र को सलाम…, इस्माइल खान और नबीहा ने अच्छा जी मैं हारी चलो मान जाओ…, अब्दुल हन्नान ने इक प्यार का नगमा है…, कुसूम चाहर ने मेरे ख़्वाबों में जो आए…, फैय्याज भाटी ने जाने क्यों लोग मुहब्बत किया करते हैं…, पूनम शर्मा ने मौसम है आशिकाना…., डॉ. रजनेश माथुर व निष्ठा माथुर ने देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए…, लक्ष्मी अग्रवाल ने ये दिल और उनकी निगाहों के साए…, रविंद्र शेखावत ने वो दिल कहां से लाऊं…, जाकिर सिद्दीकी ने तू मेरी जिंदगी है…, इरशाद फारुकी ने सोचेंगे तुम्हे प्यार करें के नहीं…, श्याम पाटोदिया ने कितना हसीन चेहरा कितनी प्यारी आंखे…, प्रेम बिहारी माथुर ने ये दुआ है मेरी रब से…, अमिता गौड़ ने कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता…, उस्मान खान ने पहली पहली बार जब प्यार किसी से होता है…, जाहिरा खान ने आशा जी मैशप…, मनोहरलाल धूपिया ने सांसों की ज़रूरत है जैसे…, रईस कुरैशी ने मेरी सांसों मैं बसा है तेरा ही इक नाम…., डॉ. नफीस ने तेरे नाम हमने किया है जीवन अपना सारा सनम…, सनवर क़ुरैशी ने आजकल याद कुछ और रहता नहीं…, हबीबुर्रहमान और नबिहा ने ज़रा सा झूम लूं मैं…, इब्राहिम खान ने भीगा भीगा है समा… आदि की प्रस्तुतियां दी। इस मौके पर जाकिर खत्री, बरकत गहलोत, राजेश थाकन, अब्दुल रहमान सय्यद, उमर सय्यद, दिव्यम सिवानीवाल, शेख सरफराज, रमजान, सद्दाम, गाजी सैय्यद, अनिल पाल, मनोज, अनिल चंदेलिया, गफ्फार, अनीश कुरैशी शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे और गीत संगीत का लुत्फ़ उठाया।

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