चूरू सांसद राहुल कस्वां की केन्द्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात

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फसल बीमा क्लेम, यूरिया संकट और टैगिंग के मुद्दे पर तत्काल कार्यवाही की मांग,  सांसद बोले ‘प्रदेश सरकार किसानों के प्रति संवेदनहीन, केन्द्रीय कृषि मंत्री को भी गलत आंकड़े पेश किए गए

नई दिल्ली। चूरू सांसद राहुल कस्वां ने केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर चूरू संसदीय क्षेत्र के किसानों से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने खरीफ-2021 से लेकर रबी-2023/24 तक के लंबित फसल बीमा क्लेम, यूरिया की भारी किल्लत और डीएपी/यूरिया बैग्स पर अनिवार्य टैगिंग से किसानों पर पड़ रहे आर्थिक बोझ का मामला प्रमुखता से रखा।

यूरिया की कमी से किसान परेशान

सांसद कस्वां ने बताया कि राजस्थान में इस समय खरीफ फसलों के लिए यूरिया की मांग चरम पर है, लेकिन आपूर्ति बेहद कम है। किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है जिससे उत्पादन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने मांग की कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर यूरिया की आपूर्ति की त्वरित व्यवस्था करें।

नैनो टैगिंग से किसान और डीलर्स दोनों परेशान

सांसद ने कहा कि इफको जैसी कंपनियां डीएपी और यूरिया के बैग के साथ नैनो यूरिया/नैनो डीएपी की टैगिंग कर रही हैं, जिससे किसानों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ रहा है और डीलर्स को भी वितरण में कठिनाई हो रही है। कस्वां ने मांग की कि ऐसी टैगिंग पर तुरंत रोक लगाई जाए और सभी कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं।

कई सीजन के फसल बीमा क्लेम लम्बित

सांसद कस्वां ने कृषि मंत्री को अवगत कराया कि चूरू क्षेत्र के किसानों के खरीफ-2021, खरीफ-2023, रबी-2022/23 और रबी-2023/24 के फसल बीमा क्लेम अब तक लंबित हैं। बीमा कंपनियां जानबूझकर आपत्तियां लगाकर किसानों के हक को छीनने का प्रयास कर रही हैं।

खरीफ-2021 में 750 करोड़ का क्लेम, केवल 250 करोड़ जारी

कस्वां ने बताया कि खरीफ-2021 में चूरू जिले के किसानों का लगभग 750 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम बनता था, लेकिन अब तक केवल 250 करोड़ ही जारी हुए हैं। शेष क्लेम की फाइल NTAC के पास लंबित है, जो जयपुर और दिल्ली के बीच अटकी हुई है।

खरीफ-2023 में 719 यूनिट पर आपत्ति, SGRC बैठक तक नहीं

खरीफ-2023 में बीमा कंपनियों ने 719 इंश्योरेंस यूनिट पर आपत्तियां लगाईं, लेकिन राज्य सरकार SGRC बैठक बुलाने तक को तैयार नहीं है। सांसद ने आग्रह किया कि राज्य सरकार को निर्देशित कर जल्द SGRC की बैठक बुलवाई जाए और किसानों को ब्याज सहित क्लेम दिलवाया जाए।

रबी-2022/23 और रबी-2023/24 में भी कंपनियों की मनमानी

रबी के दो सीजन में भी बीमा कंपनियों ने फसल कटाई प्रयोगों के बावजूद क्लेम नहीं दिए और आपत्तियों को बार-बार रिव्यू के लिए भेजा। सांसद ने आग्रह किया कि इन आपत्तियों का त्वरित निस्तारण कर किसानों को उनका हक दिलाया जाए।

राज्य सरकार ने केन्द्र को गलत आंकड़े भेजे

कस्वां ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने केन्द्र को चूरू क्षेत्र के बकाया क्लेम की गलत जानकारी दी है। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने संसद में 3 करोड़ बकाया बताया, जबकि असल में हजारों करोड़ रुपये लंबित हैं। उन्होंने मांग की कि वास्तविक आंकड़े मंगवाकर किसानों के हित में त्वरित कार्रवाई की जाए।

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