झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
अरावली बचाओ-जीवन बचाओ जन संघर्ष समिति का गठन कर अरावली बचाओ आंदोलन तेज करने के लिए दो जनवरी 2026 को 12 बजे जिला कलेक्ट्रेट झुंझुनूं के सामने धरना व विरोध सभा कर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। रविवार को शहीद भगतसिंह पार्क इंदिरा नगर झुंझुनूं में अरावली बचाने को लेकर सभा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता इंजीनियर मालीराम वर्मा ने की। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अरावली बचाओ आंदोलन के दबाव में आकर सरकार एक कदम पीछे हटी है। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। बस फिलहाल के लिए अस्थाई रूप से खनन पर रोक लगाई गई है। पर्यावरण मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि जब तक अरावली क्षेत्र के लिए कोई पूरी और टिकाऊ खनन प्रबंधन योजना तैयार नहीं हो जाती। तब तक कोई नया खनन पट्टा जारी न किया जाए। इसके बाद सरकार को यह कहना पड़ा कि अरावली क्षेत्र में नए खनन पट्टों पर फिलहाल पूरी तरह से रोक रहेगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा मानी गई 100 मीटर वाली नई परिभाषा को वापस नहीं लिया है और न ही अरावली को स्थायी और मजबूत कानूनी सुरक्षा देने का कोई साफ फैसला किया है। इसलिए जब तक ये नहीं हो जाता, सरकार पर दबाव बनाने के लिए अरावली बचाने का आंदोलन तेज किया जाना चाहिए। इसके लिए जन संघर्ष समिति का गठन किया गया है। जिसमें पर्यावरण संगठनों, किसान मजदूर संगठन और अन्य जनवादी संगठनों को साथ लेकर दो जनवरी को जिला कलेक्ट्रेट के सामने इकट्ठे होकर आंदोलन तेज करेंगे। सभा को भाकपा माले के फूलचंद ढेवा, क्रांतिकारी मजदूर मोर्चा के महेश चौमाल, भगतसिंह विचार मंच के बजरंगलाल एडवोकेट, क्रांतिकारी किसान यूनियन के संयोजक पोकरसिंह झाझड़िया, किसान सभा के मदन यादव, बजरंगलाल बराला, भारत मुक्ति मोर्चा के ओमप्रकाश सेवदा, मुस्लिम न्याय मंच के इमरान बड़गुजर, लियाकत अली, भंवरलाल महरिया, सहदेव कस्वां, फूलचंद बुडानिया आदि ने संबोधित किया। इसके अलावा भगतसिंह कालेर, दयाचद चाहर, बालाराम मेघवाल, लीलाधर डिग्रवाल, पितराम कालेर, किशनलाल नायक, रामनारायण झाझड़िया, त्रिलोकसिंह, बाबूलाल थालौर, विजय सिंह मेघवाल और अशोक मांजू के अलावा अन्य लोग मौजूद थे। संचालन बजरंगलाल एडवोकेट ने किया।















