ढिल्लो कॉलोनी प्रस्तावित रेल बाईपास मामला, लोगों का विरोध जारी
हनुमानगढ़। हिमांशु मिढ्ढा
आनंद विहार ढिल्लो कॉलोनी से प्रस्तावित रेल बाईपास को लेकर चल रहा विवाद शुक्रवार को भी शांत नहीं हुआ। कॉलोनीवासियों का आक्रोश लगातार बना हुआ है और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी सूरत में मुआवजा स्वीकार नहीं करेंगे। शुक्रवार को इस मामले ने उस समय और तूल पकड़ लिया, जब जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष मनीष मक्कासर, कांग्रेस नेता गुरदीप चहल कॉलोनी में पहुंचे और स्थानीय लोगों से सीधे संवाद किया। कॉलानाइजर विजय पेशवानी का कहना है कि प्रस्तावित रेल बाईपास लगभग तीन हजार की आबादी वाली रिहायशी कॉलोनी को दो हिस्सों में बांट देगा। इससे आमजन की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित होगी। लोगों ने आशंका जताई कि बाईपास बनने के बाद एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, शव यात्रा, गैस सिलेंडर आपूर्ति, बसों सहित बड़े वाहनों का प्रवेश बाधित हो जाएगा, जिससे आपातकालीन स्थितियों में भारी परेशानी खड़ी हो सकती है। कॉलोनीवासियों के अनुसार यह परियोजना हजारों लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। पार्षद प्रतिनिधि सागर गुर्जर ने बताया कि गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मुआवजा लेने के लिए समझाइश का प्रयास किया गया था, लेकिन लोगों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया। शुक्रवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनीष मक्कासर ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और कहा कि कॉलोनी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अनेक पक्के मकान बने हुए हैं। इन घरों का पूरा सर्वे कर सरकार द्वारा योजनाओं का लाभ दिया गया है। ऐसे में अब उन्हीं परिवारों को उजाड़ने का प्रयास करना सरासर अन्याय है। मनीष मक्कासर ने सवाल उठाया कि जब सरकार स्वयं सर्वे कर लोगों को आवास योजनाओं का लाभ दे रही है, तो फिर रेल बाईपास के नाम पर लोगों के आशियाने तोड़ना कैसे उचित ठहराया जा सकता है। कांग्रेस नेता गुरदीप चहल ने कहा कि लोगों ने अपने घर मेहनत-मजदूरी से बनाए हैं और लोकतंत्र में किसी को भी उन्हें तोड़ने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने इस मुद्दे पर रेल प्रशासन और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। इस दौरान पार्षद प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मामला वर्तमान में उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और आगामी सुनवाई 5 जनवरी को निर्धारित है। ऐसे में न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बिना किसी भी तरह की कार्यवाही करना गलत है। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने उनकी बात नहीं सुनी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।












