जरूरतमंद बच्चों के साथ बलिदान दिवस मनाकर दी सेवा, संवेदना और संस्कारों की मिसाल
हनुमानगढ़। हिमांशु मिढ्ढा
मुखर्जी कॉलोनी में सामाजिक संगठन युथ वीरांगनाओं द्वारा चार साहिबजादों के बलिदान को समर्पित वीर बाल दिवस अत्यंत भावनात्मक एवं प्रेरणादायक वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर संगठन की महिलाओं ने जरूरतमंद बच्चों के साथ यह पावन दिवस मनाते हुए समाजसेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को सर्दी से राहत देने के उद्देश्य से गर्म जर्सी, कपड़े एवं अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की गई। युथ वीरांगना टीम की सक्रिय सदस्य रजनी ने बताया कि उनकी टीम हर वर्ष वीर बाल दिवस एवं नववर्ष का उत्सव जरूरतमंद बच्चों के साथ मनाती है, ताकि बच्चों को अपनापन, सुरक्षा और सम्मान का अहसास कराया जा सके। उन्होंने कहा कि संगठन केवल सामग्री वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु समय-समय पर पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जाती है। कार्यक्रम के दौरान युथ वीरांगनाओं ने बच्चों के साथ समय बिताया, उनसे संवाद किया और उन्हें यह विश्वास दिलाया कि समाज में ऐसे लोग मौजूद हैं जो उनकी देखभाल और उज्ज्वल भविष्य के लिए सदैव तत्पर हैं। ठंड के मौसम में बच्चों को गर्म कपड़े प्रदान करना न केवल एक सहायता थी, बल्कि मानवीय संवेदना का सशक्त संदेश भी था। मीनाक्षी ने आगे बताया कि युथ वीरांगनाएं समाज के कमजोर एवं वंचित वर्गों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से संगठन द्वारा निःशुल्क सिलाई एवं ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही ऑनलाइन सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं, जिससे महिलाएं घर बैठे ही नई तकनीकें और कौशल सीख सकें। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़ी महिलाएं स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो रही हैं, जिससे वे अपनी और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना पा रही हैं। यह पहल विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध हो रही है, जो आर्थिक तंगी के कारण परिवार की मदद करने में असमर्थ थीं। युथ वीरांगनाओं का योगदान केवल शिक्षा और रोजगार तक सीमित नहीं है। संगठन जरूरतमंद परिवारों की बेटियों के विवाह में सहयोग, बीमार व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता, स्वास्थ्य जांच एवं दवाइयों की व्यवस्था जैसे कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है, ताकि कोई भी व्यक्ति आर्थिक अभाव के कारण मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे। कार्यक्रम में युथ वीरांगना टीम की सदस्य मीनाक्षी, ऐश्ना, रजनी , ममता, सुनीता, कंचन,सीमा, भावना सहित अन्य महिलाओं ने बच्चों से संवाद कर उन्हें प्रोत्साहित किया। उनकी उपस्थिति ने आयोजन को और अधिक सफल एवं स्मरणीय बना दिया। बच्चों के चेहरों पर आई मुस्कान और उनके मन में जागी नई उम्मीदें ही इस आयोजन की सबसे बड़ी उपलब्धि रहीं। अंत में टीम सदस्यों ने कहा कि वीर बाल दिवस का यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाजसेवा, बलिदान और मानवता के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इस प्रकार की पहलें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करती हैं और अन्य लोगों को भी प्रेरित करती हैं कि वे अपने स्तर पर जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आएं।












