सात घंटे में 50 किलोमीटर की मैराथन को किया पूरा

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
विधायक राजेंद्र भांबू के पुत्र सचिन भांबू ने लद्दाख मैराथन के बाद एक और देश की नामचीन द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन में हिस्सा लेकर झुंझुनूं जिले के नाम रोशन किया है। जैसलमेर से शुरू होकर भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित ऐतिहासिक लोंगेवाला चौकी तक आयोजित हुई इस मैराथन के दो वर्गों में से सचिन भांबू और विधायक भांबू के भतीजे जाटावास बगड़ निवासी मनीष डांगी ने 50 किलोमीटर के वर्ग में हिस्सा लिया। जिन्होंने दिन में 12 बजे से शाम सात बजे तक यह मैराथन पूरी की। इसमें सबसे बड़ा चैलेंज विपरित मौसम था। बावजूद इसके 32 वर्षीय सचिन भांबू और 42 वर्षीय मनीष डांगी ने इस मैराथन को तय अंतिम सीमा आठ घंटे के मुकाबले सात घंटे में पूरा कर झुंझुनूं जिले के नाम रोशन किया है। इससे पहले सचिन भांबू ने लद्दाख में हुई लद्दाख मैराथन में भी हिस्सा लेकर झुंझुनूं जिले का नाम रोशन किया था। भांबू ने बताया कि वे अब तक एक दर्जन से अधिक मैराथनों में हिस्सा ले चुके है। लेकिन लद्दाख मैराथन और द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन, देश की प्रसिद्ध और टॉप मैराथनों में शामिल है। इनमें ना केवल क्षेत्र विशेष, बल्कि पूरे देश के धावक उत्साह के साथ हिस्सा लेते है। इस बार हुई द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन में भी देशभर के 1100 से अधिक धावकों ने रेतीले, दुर्गम रास्तों और अप्रत्याशित मौसम की परिस्थितियों का सामना करते हुए इस दौड़ में हिस्सा लिया था। सचिन भांबू ने बताया कि द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन सिर्फ एक दौड़ नहीं है, बल्कि यह देशभक्ति, समर्पण और सैन्य सम्मान का प्रतीक है। मैराथन का समापन लोंगेवाला में होता है, जो 1971 के युद्ध के ऐतिहासिक महत्व के कारण हर भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान रखता है। लोंगेवाला पहुंचने के बाद, सभी धावकों ने युद्ध शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
अल्ट्रा मैराथन की शुरूआत 2018 में हुई थी
2018 इस मैराथन का आगाज 40 धावकों के साथ किया गया था। पिछले कुछ वर्षों में, इस अल्ट्रा मैराथन की प्रतिष्ठा और भागीदारी लगातार बढ़ी है। शुरुआती दौर में जहां यह दौड़ कुछ अल्ट्रा-धावकों के लिए एक चुनौती मात्र थी, वहीं अब यह देश भर के फिटनेस प्रेमियों, सैन्य कर्मियों और युवा धावकों के लिए एक प्रमुख वार्षिक आयोजन बन चुका है। यह दौड़ हर प्रतिभागी के आत्म-संयम, दृढ़ संकल्प और जज्बे की अंतिम परीक्षा लेती है। यह आयोजन भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न होता है, जो धावकों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करते हैं। द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन अब भारत के अल्ट्रा-रनिंग कैलेंडर में एक अनिवार्य इवेंट बन चुकी है, जो न केवल शारीरिक सीमाओं को तोड़ती है, बल्कि शौर्य भूमि के इतिहास को भी सलाम करती है।
बीजेपी के प्रदेश कोषाध्यक्ष पंकज गुप्ता का भव्य स्वागत | चौथी बार कोषाध्यक्ष बनने पर जोरदार अभिनंदन
चूरू अभिभाषक संघ चुनाव 2024 | अध्यक्ष पद पर सीधी टक्कर | 12 दिसंबर को मतदान
चूरू में पैरा शक्ति कैंटीन का भव्य शुभारंभ | किफायती दामों पर ग्रॉसरी–इलेक्ट्रॉनिक्स एकही छत के नीचे
यूथ कांग्रेस का नगर परिषद पर घेराव | समस्याओं के समाधान की मांग | ज्ञापन फाड़कर दर्ज कराया विरोध













