उप जिला अस्पताल में मिली शराब के खाली पव्वे और कैन!

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कमरों को खाली करवाया तो अस्पताल प्रबंधन के आया सामने, जांच होगी

चिड़ावा । झुंझुनूं। अजीत जांगिड़
उप जिला अस्पताल में शराब के खाली पव्वे और कैन मिलने से हड़कंप मच गया है। दरअसल अस्पताल परिसर में तीन साल पहले कंडम घोषित हो चुके कमरों को खाली करवाने के लिए जब उप जिला अस्पताल की टीम गई तो वहां पर कमरों के बाहर शराब के पव्वे और कैन मिले। जिसकी जानकारी पीएमओ डॉ. नितेश जांगिड़ को दी गई। डॉ. जांगिड़ ने इसे गंभीर मानते हुए जांच टीम गठित की है। इन कमरों को 104 और 108 एंबुलेंस के चालकों को उनके निवेदन पर आराम करने के लिए दिया हुआ था। लेकिन तीन साल पहले पीडब्लूडी ने इन कमरों को नकारा घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद एंबुलेंस चालकों को मौखिक रूप से कमरों में ना रहने के लिए हिदायतें दी गई थी। लेकिन इन कमरों की हालात दिनों दिन बद से बदतर होते देख इन कमरों में किसी के ना रहने का नोटिस चश्पा करते हुए खाली करवाया गया था। इस दौरान जब टीम पहुंची तो उन्हें कमरों के बाहर ही खाली पव्वे और कैन मिली। डॉ. नितेश जांगिड़ ने कहा कि अस्पताल में हो रही अनैतिक गतिविधियों की जांच करवाई जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। डॉ. जांगिड़ ने बताया कि नकारा हो चुके भवनों के पुर्ननिर्माण को लेकर भी योजना बनाई जा रही है।

इधर, तीन कथित फर्जी पत्रकारों पर केस हुआ दर्ज

इधर, उप जिला अस्पताल में वीडियोग्राफी करने और राजकार्य में बाधा पहुंचाने वाले कथित तीन पत्रकारों के खिलाफ चिड़ावा थाने में प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार 12 नवंबर को कुशलपुरा निवासी मंजीत यादव, बाजला निवासी पंकज सरावग तथा सचिन सैनी नाम के युवक उप जिला अस्पताल में आए और मोबाइल से वीडियोग्राफी शुरू कर दी। अस्पताल परिसर, ओपीडी, डॉक्टर चेंबर, लैब व मरीजों की वीडियोग्राफी बिना कोई परमिशन के शुरू कर दी। साथ ही मरीजों को भड़काने तथा चिकित्साकर्मियों के कार्यों में परेशानी पैदा की। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से चिड़ावा थाने में रिपोर्ट दी गई। रिपोर्ट मिलने के बाद मामले के परिवाद की प्रारंभिक तौर पर जांच शुरू की गई। पुलिस ने तीनों युवकों के बारे में जानकारी पीआरओ झुंझुनूं से प्राप्त की। जिसमें तीनों के ही पत्रकार ना होने, बिना परमिशन के अस्पताल में वीडियोग्राफी ना करने तथा अस्पताल व मरीजों के वीडियो वायरल ना करने की रिपोर्ट मिली। जिसके बाद तीनों के खिलाफ आईटी एक्ट और बीएनएस की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।

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