डालसा सचिव ने किया बाल वाहिनियों का निरीक्षण, कमियों को दुरूस्त करने के निर्देश दिए

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झुंझुनूं। अजीत जांगिड़
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिले में संचालित बाल वाहिनियों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। प्राधिकरण सचिव डॉ. महेंद्र के. सिंह सोलंकी ने बताया कि माननीय रालसा के निर्देशों की पालना में जिला मुख्यालय पर स्थित निजी विद्यालयों द्वारा संचालित बाल वाहिनियों की आकस्मिक औचक निरीक्षण कर जांच की गई। उन्होंने बताया कि बाल वाहिनियों में क्षमता से अधिक बच्चों को ले जाना न केवल कानूनी रूप से गलत है। बल्कि बच्चों की जान के लिए भी गंभीर खतरा है। डॉ. सोलंकी ने बताया कि बाल वाहिनियों की आकस्मिक जांच में निर्धारित बिंदूओं वाहन का रंग, वाहन का स्कूल ड्यूटी लिखा होना, वाहन पर वाहन चालक एवं विद्यालय का विवरण, फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, जीपीएस सिस्टम, आपातकालीन निकास, विशेष बच्चों के लिए सुविधा, वाहन चालक एवं सहायक के वैध लाइसेंस व पहचान दस्तावेज, वाहन चालक का भारी वाहन चलाने का अनुभव, पूर्व में गंभीर चालान अथवा दुर्घटना रिकॉर्ड पर ड्राइवर को अयोग्य माना जाना, निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चों को बाल वाहिनियों में बिठाना, बाल वाहिनियों की गति निर्धारित सीमा में हो, वाहन चालक व सहायक समय-समय पर मेडिकल परीक्षण, बाल वाहिनी मेंं चढ़ने उतरने का सुरक्षित स्थान, बाल वाहिनियों की समग्र फिटनेश आदि के संबंध में जांच की गई। प्राधिकरण सचिव ने बताया कि जांच के दौरान जानकारी भी दी गई कि निर्धारित मानक अनुसार बाल वाहिनियों का संचालन नहीं किया जाना एवं क्षमता से अधिक बच्चों को वाहन में बैठाना दुर्घटना की स्थिति में जनहानि का कारण बन सकता है। प्राधिकरण सचिव ने वाहन चालकों, विद्यालयों प्रबंधकों एवं अभिभावकों से अपील की कि प्रत्येक बच्चा उनके परिवार के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए उसकी जान जोखिम में न डाले। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना हम सबका सामूहिक दायित्व होना चाहिए। यदि किसी को बाल वाहिनियों में ओवलोडिंग अथवा सुरक्षा नियमों में किसी प्रकार की कमी के संंबंध में जानकारी प्राप्त होती है तो इस संबंध में सूचना तत्काल संबंधित विभाग अथवा प्राधिकरण को देकर आवश्यक कार्यवाही करवाई जा सकती है। न्यायाधीश ने बताया कि यह अभियान का पहला दिवस है। इस दौरान बाल वाहिनियों में पाई गई कमियों के बाबत परिवहन विभाग द्वारा चालान भी बनाए गए तथा वाहन चालकों—स्कूल संचालकों को पाई गई कमियों को 10 दिवस में दुरूस्त करवाने के लिए निर्देशित किया गया। निरीक्षण के दौरान जिला परिवहन अधिकारी मोनू मीणा व इंसपेक्टर रोहिताश आदि उपस्थित रहे।

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