किसानों की लंबित समस्याओं व 500 करोड़ रूपये बीमा क्लेम पर होगी उच्च स्तरीय बैठक; पुलिस-बंदी के बीच दिनभर तनाव, प्रशासन से समझौते के बाद आंदोलन टला
चूरू । सांसद राहुल कस्वां के नेतृत्व में किसानों की मांगों को लेकर प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च सोमवार को प्रशासन और पुलिस की कड़ी निगरानी के बीच शुरू तो हुआ, लेकिन पूरे दिन तनावपूर्ण माहौल के बाद इसे स्थगित कर दिया गया। किसानों की लंबित समस्याओं और खरीफ 2021 के लगभग 500 करोड़ रूपये के फसल बीमा क्लेम सहित विभिन्न मुद्दों पर यह बड़ा आंदोलन आयोजित किया गया था।जिले की सीमाओं पर प्रशासन ने कड़े इंतजाम करते हुए नेशनल हाईवे-52 पर भारी पुलिस बल तैनात किया। जगह-जगह नाकाबंदी कर ट्रैक्टरों को आगे बढ़ने से रोका गया।

रतनपुरा, गासर और झंकार होटल के पास बड़ी संख्या में किसान व कांग्रेस कार्यकर्ता जमा हुए, जिससे कई स्थानों पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 100 से अधिक किसानों और कांग्रेस पदाधिकारियों को हिरासत में ले लिया। कुछ स्थानों पर पुलिस और किसानों के बीच नोकझोंक भी हुई, जबकि कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष रफीक मंडेलिया ने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया।सीमाएं सील होने के कारण सांसद कसवा की रैली को राजगढ़ से 16 किमी पहले रतनपुरा के पास रोक दिया गया।
इसके बाद दोपहर में जिला कलेक्टर अभिषेक सुराना सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने सांसद राहुल कसवा और किसान प्रतिनिधियों से वार्ता की।वार्ता में यह सहमति बनी कि किसानों की सभी प्रमुख मांगों—बीमा क्लेम के मुद्दे, डीएपी-यूरिया उपलब्धता, समर्थन मूल्य पर खरीद, बीमा पोर्टल त्रुटियों का समाधान, कृषि कनेक्शन जारी करने आदि—पर जयपुर में उच्च स्तरीय बैठक होगी।समझौते के बाद किसान समिति और सांसद कसवा ने धरना और ट्रैक्टर मार्च को स्थगित करने की घोषणा की। इसके साथ ही 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जयपुर के लिए रवाना हुआ, जिसमें तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया, रतनगढ़ विधायक पूसाराम गोदारा, सुजानगढ़ विधायक मनोज मेघवाल, पूर्व विधायक कृष्णा पूनिया, नोहर विधायक अमित चाचण, रफीक मंडेलिया और अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री, कृषि अधिकारियों, बीमा कंपनियों और संबंधित मंत्रियों से मुलाकात करेगा। किसानों की मांगों पर अंतिम निर्णय जयपुर में होने वाली उच्च स्तरीय वार्ता के बाद सामने आएगा।













