आदिवासी अस्मिता, स्वायत्तता, संघर्ष और सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक थे बिरसा मुंडा – अशोक सिंह

0
5

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद झुंझुनूं द्वारा आदिवासियों के मसीहा भगवान बिरसा मुंडा की जन्म सार्धशती वर्ष के उपलक्ष में आदिवासी समाज के उत्थान और स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा के योगदान विषय पर संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन केशव आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में किया गया। एबीवीपी के जिला संयोजक अभयप्रताप सिंह ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की जन्म सार्धशती वर्ष के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता आरएसएस के विभाग संघ चालक अशोक सिंह थे। विशिष्ट अतिथि युवा व्यवसायी अभिषेक शर्मा और विशेष उपस्थिति के रूप में एबीवीपी विभाग संयोजक लक्ष्मण प्रजापत रहे। मुख्य वक्ता विभाग संघचालक राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ अशोक सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि आदिवासी अस्मिता, स्वायत्तता, सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष की आवाज बुलंद करने वाले भगवान बिरसा मुंडा को भारत में आदिवासियों के नायक ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में उन्हें अदम्य साहस और संघर्ष का पर्याय माना जाता है। उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा ने अपनी भूमि को अंग्रेजी राज से स्वतंत्र करवाने के लिए उनके खिलाफ अनेकों विद्रोह किए। ये सभी विद्रोह आदिवासियों की पारंपरिक भूमि व्यवस्था खुंटकटी प्रणाली का विघटन, जमींदारी प्रथा-बाहरी जमींदारों दिकू द्वारा आदिवासियों का शोषण और अधिक लगान वसूली, ईसाई मिशनरियों द्वारा आदिवासी संस्कृति में हस्तक्षेप और धर्म परिवर्तन का प्रयास, बेगार प्रथा-आदिवासियों से जबरन बिना मजदूरी के काम कराना के खिलाफ लड़ाई के साथ-साथ जंगल भूमि का युद्ध छेड़ दिया। यह सिर्फ विद्रोह नहीं था। बल्कि यह आदिवासी स्वाभिमान, स्वतंत्रता और संस्कृति को बचाने का संघर्ष था। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अभिषेक शर्मा ने कहा कि 25 वर्ष के अपने अल्पकालिक जीवन में भगवान बिरसा मुंडा ने कई क्रांतिकारी कार्य किए। शर्मा ने बताया की बिरसा मुंडा ने आदिवासियों में प्रचलित अनेक बुराइयों शराबखोरी, काले जादू और अंधविश्वासों में विश्वास तथा जबरन श्रम (बेथ बेगारी) के विरुद्ध अभियान चला कर कुप्रथाओं को त्यागने का आह्वान किया। बिरसा ने आदिवासियों में स्वच्छ जीवन, स्वच्छता और आध्यात्मिक एकता को प्रोत्साहित करते हुए जनजातीय संस्कृति और सामुदायिक भूमि स्वामित्व पर गर्व करना सिखाया गया। एबीवीपी के विभाग संयोजक लक्ष्मण प्रजापत ने एबीवीपी की स्थापना से लेकर आज तक के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित युवाओं से दुनिया के सबसे बड़े छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़ कर राष्ट्र पुनर्निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान किया। साथ ही बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र से राष्ट्र प्रेम एवं अपनी जन्मभूमि के लिए सब कुछ न्यौछावर करने जैसे विचारो को अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम के अंत में एबीवीपी के नगर मंत्री रोहित गुर्जर ने उपस्थित युवाओं और मंचस्थ अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। कार्यक्रम में दिव्या शर्मा, गौरव थलोर, विनित सहित सैंकड़ों की संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर अब सख्त कार्रवाई | License होंगे Cancel | SP जय यादव

सांसद कस्वा ने ली समीक्ष बैठक | सड़क सुरक्षा पर बड़ी बैठक | अवैध कट बंद करने के निर्देश | Churu News

Ashok Gehlot Press Conference

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here