भागवत कथा में सजाई 56 भोग की झांकी, आज फूलों की होली के साथ दिया जाएगा विश्राम

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झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
शहर के चूणा चौक स्थित आशीर्वाद पैलेस में छठे दिन बुधवार को श्रीमद्भागवत कथा में व्यास पीठ से कथावाचक संतश्री हरिशरण जी महाराज ने कथा में गोवर्धन लीला में, श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्र की पूजा छोड़कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का निर्देश दिया। महाराज जी ने कहा कि बृजवासी इंद्र की पूजा करते थे। लेकिन श्रीकृष्ण ने उन्हें समझाया कि वर्षा और प्राकृतिक घटनाओं के लिए गोवर्धन पर्वत ही पूजनीय है। क्योंकि वह गोधन को पालता है और भगवान विष्णु का स्वरूप है। इस पर जब इंद्र ने क्रोध में भयानक वर्षा की, तो श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया और बृजवासियों को इंद्र के क्रोध से बचाया और बृजवासियों ने पर्वत के नीचे पनाह ली और इंद्र का अहंकार टूटा। बाद में, गोपियां और बृजवासियों ने श्रीकृष्ण के प्रति अपनी गहरी भक्ति और प्रेम व्यक्त किया। उद्धव-गोपी संवाद में संतश्री ने बताया कि उद्धव गोपियों को ज्ञान और निर्गुण ब्रह्म का उपदेश देते हैं। रास लीला भगवान कृष्ण और गोपियों के बीच प्रेम और दिव्य आनंद की अद्भुत और रहस्यमयी लीला है। यह भगवान कृष्ण और गोपियों के बीच प्रेम और आनंद की दिव्य लीला है, जो रात में वृंदावन में होती है। भगवान कृष्ण गोपियों के साथ नृत्य करते हैं। प्रत्येक गोपी को यह अनुभव होता है कि कृष्ण उसके साथ ही नृत्य कर रहे हैं। यह लीला कृष्ण और गोपियों के अटूट प्रेम और मिलन का प्रतीक है। कथा के दौरान गोवर्धन पर्वत एवं 56 भोग की सुंदर झांकी के साथ रास लीला की जीवंत झांकी सजाई गई। जो आकर्षण का केंद्र रही। कथा का शुभारंभ व्यास पीठ पर भागवत पूजन आयोजक तुलस्यान परिवार के स्नेहलता एवं डॉ. डीएन तुलस्यान द्वारा किया गया। श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्थान के तत्वावधान और श्री केशरदेव देवकीनंदन तुलस्यान परिवार की ओर से आयोजित इस भागवत कथा के धार्मिक आयोजन में आशीर्वाद पैलेस हाउसिंग सोसायटी सहित शहर की अन्य धार्मिक—सामाजिक संस्थाएं भी सहयोगी है। आयोजक डॉ. डीएन तुलस्यान ने बताया कि कुलदेवी श्री राणीसती जी दादीजी एवं पितृ कृपा से भागवत कथा के आयोजन में लगातार छह दिनों तक दोपहर दो से शाम छह बजे तक भागवत कथा के साथ हर दिन सुबह पांच बजे प्रवचन, सात बजे प्रभात फेरी का आयोजन एवं प्रति दिवस सामाजिक सरोकारों में सेवा कार्य भी किए गए। प्रति दिवस सुबह प्रभातफेरी एवं कथा समापन से पूर्व इस्कॉन मंदिर के हरिभक्तों की ओर से हरिकीर्तन का आयोजन भी आकर्षण का केंद्र रहा। भागवत पूजन मूलपाठ पंडित संजू के आचार्यत्व में विद्वान पंडितों द्वारा किया गया। शहर के प्रसिद्ध पुष्करजी कैटर्स के हरिश तुलस्यान द्वारा प्रसाद की सुंदर व्यवस्था की गई एवं कथा स्थल को बहुत ही सुंदर रूप से मां भगवती डायमंड आर्ट के आशीष तुलस्यान द्वारा सजाया गया। कथा का समापन आरती पश्चात सभी भक्तों को प्रसाद वितरण के साथ किया गया। इससे पहले कथा में उपस्थित विशिष्टजनों को संतश्री हरिशरण जी महाराज ने दुपट्टा ओढ़ाकर राधा कृष्ण का प्रतीक चिह्न भेंटकर आशीर्वाद दिया। गुरूवार 30 अक्टूबर को कथा का समय दोपहर एक बजे से रहेगा एवं कथा को फूलों की होली के साथ विश्राम दिया जाएगा।

भागवत कथा में इनकी रही मौजूदगी

इस अवसर पर संत सानिध्य बगड़ दादूद्वारा के पीठाधीश्वर डॉ. अर्जुनदास महाराज, आयोजक तुलस्यान परिवार के केशरदेव तुलस्यान, डॉ. डीएन तुलस्यान, योगेश तुलस्यान, सीए प्रशांत तुलस्यान, विहान तुलस्यान एवं श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था के ट्रस्टी एडवोकेट श्रवण केजड़ीवाल, परमेश्वर हलवाई, सीए पवन केडिया, रोहिताश्व बंसल, सुनिल तुलस्यान, सूरत से विनोद बेरीवाला, श्रवण बेरीवाला, पंकज बेरीवाला, रमाकांत जालान, जयपुर से राधेश्याम ढंढारिया, माधव गोयनका भीलवाड़ा, झुंझुनूं से कमल केजड़ीवाल, नवल खंडेलिया, प्रदीप पाटोदिया, सुनिल अग्रवाल चिड़ावावाला, श्यामसुंदर तुलस्यान, राजेश केजड़ीवाल, निर्मल मोदी, अशोक तुलस्यान, श्रीगोपाल हलवाई, राजेश ढेढिया, निलेश टीबड़ा, संजय नांगलिया, अनूप टीबड़ा, प्रमोद जालान, शिवचरण हलवाई, अनिल केजड़ीवाल एवं राकेश टीबड़ा सहित शहर की विभिन्न सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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