भागवत कथा के तीसरे दिन सती, कपिल एवं ध्रुव चरित्र का वर्णन किया, आज मनाएंगे कृष्ण जन्मोत्सव

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झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
शहर के चूणा चौक स्थित आशीर्वाद पैलेस में तृतीय दिवस रविवार को श्रीमद्भागवत कथा में व्यास पीठ से कथावाचक संतश्री हरिशरण जी महाराज ने मूल भागवत, सती चरित्र, कपिल चरित्र एवं ध्रुव चरित्र की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि मूल भागवत में सती, कपिल और ध्रुव जैसे कई चरित्रों की कथाएं हैं। सती ने अपने पिता के यज्ञ में शिव के अपमान से आहत होकर आत्मदाह कर लिया था। कपिल ने अपनी मां को सांख्य दर्शन का उपदेश दिया। ध्रुव ने पिता की गोद में बैठने के लिए कठोर तपस्या करके भगवान से अमर पद प्राप्त किया। सती चरित्र में उन्होने बताया कि यह राजा दक्ष की बेटी सती की कहानी है, जिन्होंने भगवान शिव से विवाह किया था। एक बार राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें सभी देवताओं को बुलाया लेकिन शिव को नहीं। सती ने अपनी पिता के घर जाकर शिव के अपमान का कड़वा सच जाना और अपने शरीर को यज्ञ की अग्नि में समर्पित कर दिया। कपिल चरित्र उन्होने बताया कि कपिल देव भगवान विष्णु के अवतार थे। उन्होंने अपनी माता को सांख्य दर्शन का उपदेश दिया था, जो भौतिकी और ज्ञान का एक दर्शन है। इसी क्रम में महाराज जी ने कहा कि ध्रुव राजा उत्तानपाद और रानी सुनीति के पुत्र थे। राजा उत्तानपाद की दूसरी पत्नी सुरुचि, ध्रुव के सौतेले भाई उत्तम को राजा की गोद में बैठा देखती थीं, जिससे ध्रुव को भी राजा की गोद में बैठने की इच्छा हुई। सुरुचि ने ध्रुव से कहा कि अगर उसे राजा की गोद में बैठना है, तो उसे भगवान की कृपा प्राप्त करनी होगी। इस बात से प्रेरित होकर, ध्रुव ने कठोर तपस्या और ध्यान करके भगवान विष्णु को प्रसन्न किया और अटल पद प्राप्त किया। कथा का शुभारंभ व्यास पीठ पर भागवत पूजन आयोजक तुलस्यान परिवार के स्नेहलता एवं डॉ. डीएन तुलस्यान द्वारा किया गया। भागवत कथा के दौरान धार्मिक प्रश्नोत्तरी में खुद हरिशरण जी महाराज अपने श्रीमुख से सुनाई गई भागवत कथा और अन्य धार्मिक इतिहास से जुड़े प्रश्नों का सही जवाब देने वाले धर्मप्रेमियों को पुरस्कृत किया। श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्थान के तत्वावधान और श्री केशरदेव देवकीनंदन तुलस्यान परिवार की ओर से आयोजित इस भागवत कथा के धार्मिक आयोजन में आशीर्वाद पैलेस हाउसिंग सोसायटी सहित शहर की अन्य धार्मिक—सामाजिक संस्थाएं भी सहयोगी है। आयोजक डॉ. डीएन तुलस्यान ने बताया कि कुलदेवी श्री राणीसती जी दादीजी एवं पितृ कृपा से भागवत कथा के आयोजन में प्रतिदिन दोपहर दो से शाम छह बजे तक भागवत कथा के साथ हर दिन सुबह पांच बजे प्रवचन, सात बजे प्रभात फेरी का आयोजन एवं प्रति दिवस सामाजिक सरोकारों में सेवा कार्य भी किए जा रहे है। प्रति दिवस सुबह प्रभातफेरी एवं कथा समापन से पूर्व इस्कॉन मंदिर के हरिभक्तों की ओर से हरिकीर्तन का आयोजन भी आकर्षण का केंद्र रहा। भागवत पूजन मूलपाठ पंडित संजू के आचार्यत्व में विद्वान पंडितों द्वारा किया गया। शहर के प्रसिद्ध पुष्करजी कैटर्स के हरीश तुलस्यान द्वारा प्रसाद की सुंदर व्यवस्था की गई एवं कथा स्थल को बहुत ही सुंदर रूप से मां भगवती डायमंड आर्ट के आशीष तुलस्यान द्वारा सजाया गया। कथा का समापन आरती पश्चात सभी भक्तों को प्रसाद वितरण के साथ किया गया। इससे पहले कथा में उपस्थित विशिष्ट जनों को संतश्री हरिशरण जी महाराज ने दुपट्टा ओढ़ाकर राधा कृष्ण का प्रतीक चिह्न भेंटकर आशीर्वाद दिया। प्रसिद्ध कथा वाचक हरिशरण जी महाराज द्वारा सातों दिन अलग—अलग प्रसंगों पर सारगर्भित और संदेश परक प्रवचन में व्यास पीठ से महाराज श्री के भजनो ने धर्मप्रेमियों को धार्मिक माहौल में डूबो दिया। इस अवसर पर आयोजक तुलस्यान परिवार के केशरदेव तुलस्यान, डॉ. डीएन तुलस्यान, योगेश तुलस्यान, सीए प्रशांत तुलस्यान एवं विहान तुलस्यान, मुकुंदगढ निवासी सूरत प्रवासी विनोद बेरीवाला, श्रवण बेरीवाला, संदीप बेरीवाला, राजेश डालमिया चिड़ावा, अनिल एवं कमल तुलस्यान मुंबई एवं पूना, गोपाल एवं राघव सिहोटिया सीकर एवं श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था के ट्रस्टीज सहित शहर की विभिन्न सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इसी क्रम में 27 अक्टूबर सोमवार को कथा में अजामल चरित्र, वामन चरित्र एवं कृष्ण जन्म (नंदोत्सव) का आयोजन होगा।

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