संतश्री हरिशरण जी महाराज की कथा में द्वितीय दिवस पर भाव विभोर हुए श्रोता भक्त

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झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
शहर के चूणा चौक स्थित आशीर्वाद पैलेस में द्वितीय दिवस शनिवार को श्रीमद्भागवत कथा का में व्यास पीठ से कथावाचक संतश्री हरिशरण जी महाराज ने बताया कि चौबीस अवतार, भीष्म चरित्र और शुकदेव जी का आगमन भागवत कथा में महत्वपूर्ण प्रसंग हैं। जिनमें चौबीस अवतार भगवान विष्णु के विभिन्न रूप हैं। भीष्म चरित्र महाभारत काल के एक महान योद्धा और भक्त थे और शुकदेव जी भगवान वेदव्यास के पुत्र थे। जिन्होंने राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण का उपदेश दिया था। भगवान विष्णु के 24 अवतार अवतार बुराई को खत्म करने और धर्म की स्थापना के लिए लिए गए थे। इनमें मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि जैसे अवतार शामिल हैं। महाराजश्री ने भीष्म चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि भीष्म महाभारत काल के एक महान योद्धा और हस्तिनापुर के राजा शांतनु और देवी गंगा के पुत्र थे। उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा निभाई, जो कि देवव्रत के नाम से जानी जाती थी। इस प्रतिज्ञा के कारण वह जीवन भर अविवाहित रहे और उन्होंने हस्तिनापुर के सिंहासन का त्याग किया। शुकदेव जी का आगमन कथा में सुनाते हुए उन्होंने कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, शुकदेव जी भगवान वेदव्यास के पुत्र थे और वे एक तोते के रूप में थे। उन्होंने अपने पिता वेदव्यास से महाभारत की शिक्षा प्राप्त की और देवताओं को सुनाया। शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण का उपदेश दिया था। उन्होंने अपने पिता वेदव्यास से आज्ञा लेकर सुमेरु पर्वत पर ध्यान लगाकर भौतिक शरीर का त्याग कर मोक्ष प्राप्त किया। कथा का शुभारंभ व्यास पीठ पर भागवत पूजन आयोजक तुलस्यान परिवार के स्नेहलता एवं डॉ. डीएन तुलस्यान द्वारा किया गया। भागवत कथा के दौरान धार्मिक प्रश्नोत्तरी में खुद हरिशरणजी महाराज अपने श्रीमुख से सुनाई गई भागवत कथा और अन्य धार्मिक इतिहास से जुड़े प्रश्नों का सही जवाब देने वाले धर्मप्रेमियों को पुरस्कृत किया गया। श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्थान के तत्वावधान और श्री केशरदेव देवकीनंदन तुलस्यान परिवार की ओर से आयोजित इस भागवत कथा के धार्मिक आयोजन में आशीर्वाद पैलेस हाउसिंग सोसायटी सहित शहर की अन्य धार्मिक— सामाजिक संस्थाएं भी सहयोगी है। आयोजक डॉ. डीएन तुलस्यान ने बताया कि कुलदेवी श्री राणीसती जी दादीजी एवं पितृ कृपा से भागवत कथा के आयोजन में प्रतिदिन दोपहर दो से शाम छह बजे तक भागवत कथा के साथ हर दिन सुबह पांच बजे प्रवचन, सात बजे प्रभात फेरी का आयोजन एवं सामाजिक सरोकारों में सेवा कार्य भी किए जा रहे है। भागवत पूजन मूलपाठ पंडित संजू के आचार्यत्व में विद्वान पंडितों द्वारा किया गया। शहर के प्रसिद्ध पुष्करजी केटर्स के हरीश तुलस्यान द्वारा प्रसाद की सुंदर व्यवस्था की गई एवं कथा स्थल को बहुत ही सुंदर रूप से मां भगवती डायमंड आर्ट के आशीष तुलस्यान द्वारा सजाया गया। प्रसिद्ध कथा वाचक श्री हरिशरण जी महाराज द्वारा सातों दिन अलग—अलग प्रसंगों पर सारगर्भित और संदेश परक प्रवचन में व्यास पीठ से महाराज श्री के भजनों ने धर्मप्रेमियों को धार्मिक माहौल में डूबो दिया। इस अवसर पर आयोजक तुलस्यान परिवार के केशरदेव तुलस्यान, डॉ. डीएन तुलस्यान, योगेश तुलस्यान, सीए प्रशांत तुलस्यान एवं विहान तुलस्यान, मुकुंदगढ निवासी सूरत प्रवासी विनोद बेरीवाला, श्रवण बेरीवाला, विनय बेरीवाला, श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था के ट्रस्टी श्रवण केजड़ीवाल, परमेश्वर हलवाई, रोहिताश्व बंसल, सीए पवन केडिया, सुनिल तुलस्यान सहित शहर की विभिन्न सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इसी क्रम में 26 अक्टूबर रविवार को मूल भागवत, सती चरित्र, कपिल चरित्र एवं ध्रुव चरित्र की कथा का वर्णन होगा।

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