सात महीने बाद ही दीपक मालसरिया ने मदिया के साथ मिलकर लिया बदला!

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डेनिस मर्डर मामले में पुलिस ने पांच बदमाशों को किया गिरफ्तार, मुख्य आरोपी अभी फरार

झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
जिले में पनपती गैंग पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई है। हाल ही में हिस्ट्रीशीटर डेनिस बावरिया की हत्या के बाद संभावना है कि गैंगवार बढ जाए। इसे लेकर पुलिस भी पूरी तरह सतर्कता बरते हुए है। लेकिन डेनिस ने अपने दुश्मन दीपक मालसरिया पर मार्च में हमला किया था। इसी हमले का बदला लेने के लिए दीपक मालसरिया ने डेनिस के दुश्मन और हिस्ट्रीशीटर मंदीप उर्फ मदिया की मदद ली और डेनिस को इतना पीटा कि उसकी जान चली गई। पुलिस ने हालांकि शनिवार को इस घटना में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन अभी भी मुख्य आरोपी मंदीप उर्फ मदिया, दीपक मालसरिया और प्रशांत पोखर आदि पुलिस गिरफ्त से दूर है। दिवाली के एक दिन पहले चूरू बाईपास पर धनूरी थाने के हिस्ट्रीशीटर डेनिस बावरिया का अपहरण कर मारपीट की गई थी। जिसके बाद डेनिस ने जयपुर के एसएमएस अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

मामले के अनुसार, बिसाऊ थाने के हिस्ट्रीशीटर मंदीप उर्फ मदिया, सदर थाना इलाके के बदमाश दीपक मालसरिया ने अपने साथियों प्रशांत उर्फ पोखर, सुनिल मेघवाल, हितेश मील, अजय जाट व मंदीप का भाई कपिल मेघवाल व अन्य के साथ फिल्मी स्टाइल में डेनिस बावरिया का अपहरण कर लिया। अपहरण की सूचना पर पुलिस ज्यों ही सक्रिय हुई तो खबर आई कि डेनिस बावरिया को मरा हुआ मानकर बदमाश रसोड़ा गांव में छोड़ गया। पुलिस पहुंची तो डेनिस को सबसे पहले अस्पताल पहुंचाया और जयपुर रैफर किया गया। जहां पर डेनिस ने दम तोड़ दिया। एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने इस मामले में आधा दर्जन से अधिक टीमों का गठन किया। जिसके बाद आज पुलिस ने हरियाणा के बादशाहपुर से अणगासर रोड नयासर निवासी कपिल कस्वां को, सीकर जिले के रामगढ़ सेठान से रामगढ़ गुदड़वास निवासी राहुल उर्फ राज जाड़ीवाल, पिपराली सीकर निवासी ताराचंद मेघवाल तथा पंकज जाट को सीकर से गिरफ्तार किया है। जबकि मामले में अब तक 12 बदमाशों को नामजद कर लिया गया है। पुलिस के हत्थे जब राहुल उर्फ राज, अजय उर्फ अज्जू तथा कपिल कस्वां लगे तो उन्होंने बताया कि मंदीप उर्फ मदिया तथा दीपक मालसरिया देरवाला की पहाड़ी में छुपे हुए है। जिस पर पुलिस टीम तीनों गिरफ्तार आरोपियों को लेकर देरवाला की पहाड़ी पहुंची। जहां से तीनों ने पुलिस से भागने की कोशिश की और इसी कोशिश में गड्ढे में जा गिरे। तीनों में से एक के दोनों पैर और दो का एक—एक पैर टूट गया।

अब तक 12 को किया नामजद, पांच टीमें दे रही दबिशें

एएसपी देवेंद्र सिंह राजावत ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि डेनिस बावरिया ने एसएमएस अस्पताल जयपुर में पर्चा बयान में बताया था कि वह और उसके दोस्त सचिन, दीपचंद उर्फ कालू, राकेश स्कॉर्पिओ गाड़ी से चुड़ैला में उसकी पटाखे की दुकान पर तीन लाख रूपए लेकर जा रहे थे। इसी दौरान जब चूरू बाईपास ठेके पास उन्होंने अपनी गाड़ी रोकी तो इतने में ही तीन कैंपर गाड़ियों में सवार होकर प्रशांत उर्फ पोखर, दीपक मालसरिया, मंदीप ऊर्फ मदिया व उसका भाई कपिल मेघवाल, सुनिल मेघवाल, हितेश मील, अजय जाट व अन्य 10-15 ने चुरू बाईपास पर उनकी स्कॉर्पिओ गाड़ी को कैंपर गाड़ियों से टक्कर मारी। डेनिस के हाथ—पैर व सिर में लोहे की पाइपों से चोटें पहुंचाई तथा कैंपर गाड़ी में डालकर अपहरण कर ले गए। रसोड़ा गांव में मारपीट कर पटक दिया। जाते वक्त सोने की चैन, अंगूठी, पटाखों की बिक्री के तीन लाख रूपए ले गए। एएसपी ने बताया कि एफआईआर में सात नामजद आरोपियों के नाम थे। लेकिन अब तक पुलिस ने अपने अनुसंधान में 12 जनों को नामजद कर लिया है। पुलिस ने चाहे कितनी भी मशक्कत कर ली होग। लेकिन नामजद आरोपी एक भी पुलिस गिरफ्त में अब तक नहीं आया है। पुलिस को अभी वारदात में काम ली गई तीन कैंपर गाड़ियों की भी तलाश है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कैंपरों को बरामद किया जा सकता है। अब तक की कार्रवाई में कोतवाली थाने के कांस्टेबल प्रवीण कुमार की भूमिका सराहनीय बताई गई है। वहीं गोठड़ा एसएचओ को भी विशेष तौर पर भी टीम में शामिल किया गया है। जिले की दोनों एजीटीएफ टीमें भी लगी हुई है।

डेनिस से बदला लेने के लिए मदिया और दीपक हुए साथ

जिला मुख्यालय के ईर्द—गिर्द पनपती गैंग पुलिस के लिए सिरदर्द बन गई है। इसी साल मार्च महीने में डेनिस बावरिया ने भी अपने साथियों के साथ फिल्मी स्टाइल में ही चूरू बाईपास के समीप दीपक मालसरिया पर हमला किया था। इस घटना केा सात महीने ही बीते थे कि अब दीपक मालसरिया ने मंदीप उर्फ मदिया के साथ मिलकर डेनिस बावरिया को मौत के घाट ही उतार दिया। दरअसल बताया जाता है कि मंदीप उर्फ मदिया और डेनिस बावरिया भी कभी बहुत अच्छे दोस्त थे। ऐसी कई वारदातें है। जो दोनों मिलकर की है। लेकिन बाद में इनका मतभेद हो गया और दोनों एक—दूसरे के खून के प्यासे हो गए। डेनिस बावरिया की भिड़ंत इस दौरान बदमाश दीपक मालसरिया से भी हो गई। मार्च में दीपक मालसरिया पर हमले के बाद मंदीप उर्फ मदिया और दीपक, दोनों ने ही मिलकर डेनिस को मारने का प्लान बनाया। जिसके बाद दिवाली के पहले दिन अपहरण कर मारपीट कर डेनिस की हत्या कर दी गई। पुलिस इस हत्या के बाद बढती गैंगवार पर भी पूरी निगाह रखे हुए है। साथ ही अन्य हिस्ट्रीशीटर और हार्डकोर बदमाशों की गतिविधियों पर पैनी नजर है।

मरा हुआ समझकर छोड़कर गए थे डेनिस को, बाइक से करवाई थी रैकी

पुलिस की अब तक की जांच और पूछताछ में सामने आया है कि डेनिस से बदला लेने के लिए दीपक मालसरिया और मंदीप उर्फ मदिया ने पूरा प्लान बनाया। जिसके तहत दिवाली के पहले दिन 19 अक्टूबर को मंदीप उर्फ मदिया ने हितेश मील के जरिए कपिल कस्वां से संपर्क किया। कपिल कस्वां को इस वारदात में शामिल और कपिल कस्वां ने अपने साथियों अजय उर्फ अज्जू, पंकज, ताराचंद, धर्मपाल और राहुल उर्फ राज को बुलाया। वारदात से पहले मंदीप उर्फ मदिया तथा दीपक मालसरिया के कहने पर कपिल कस्वां और राहुल उर्फ राज ने बाइक से डेनिस बावरिया की रैकी की। डेनिस बावरिया की रैकी पीरूसिंह सर्किल से ही कपिल कस्वां और राहुल उर्फ राज ने की। साथ ही साथ मंदीप उर्फ मदिया तथा हितेश मील को सूचना देते रहे। चूरू बाईपास पर जब डेनिस रूका तो एक साथ तीन कैंपर गाड़ियों में सवार बदमाशों ने डेनिस पर हमला बोल दिया। मारपीट करने वालों में मंदीप उर्फ मदिया, दीपक मालसरिया, प्रशांत उर्फ पोखर, हितेश मील, कपिल कस्वां, अजय जाट उर्फ संदीप, आदित्य मीणा, राहुल उर्फ राज व अन्य साथियों ने लोहे के पाइप व डंडों से डेनिश पर हमला किया। गंभीर चोट पहुंचाने के बाद डेनिश ऊर्फ नरेश बावरिया को स्कॉर्पियों से निकालकर मंदीप उर्फ मदिया, हितेश मील, प्रशांत ऊर्फ पोखर, अजय आदि ने घायल डेनिश को कैम्पर में डालकर बिसाऊ की ओर ले जाकर रसोड़ा गांव के सरकारी विद्यालय के पास मारपीट कर घायल डेनिश को मृत समझकर सभी आरोपीगण अलग-अलग रास्तों से फरार हो गए। आरोपियों की तलाश में पुलिस ने हिसार, चुरू, रामगढ़ सेठान, सीकर, दादिया, जयपुर, नोएडा आदि स्थानों पर दबिशें दी है। वहीं 250 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे चैक किए जा चुके है।

हिस्ट्रीशीटर मंदीप उर्फ मदिया की मौत की अफवाह भी था एक प्लान!

हिस्ट्रीशीटर और हार्डकोर बदमाश मंदीप उर्फ मदिया जिंदा है। जी, हां दिवाली के दिन से ही अफवाह है कि डेनिस बावरिया के अपहरण और मर्डर की वारदात करने के बाद मंदीप उर्फ मदिया पुलिस से भागता हुआ गुजरात पहुंच गया था। जहां गांधी नगर में एक सड़क हादसे में मंदीप उर्फ मदिया की मौत हो गई है। लेकिन डेनिस बावरिया अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी देते वक्त साफ किया है। मंदीप उर्फ मदिया जिंदा है। एएसपी देवेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि दिवाली के दिन से ही अफवाह आई थी कि मंदीप उर्फ मदिया की गांधी नगर गुजरात में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। एएसपी देवेंद्र सिंह राजावत ने आशंका जाहिर की है कि पुलिस का ध्यान भटकाने और खुद के छुपने के लिए सुरक्षित जगह ढूंढने के लिए मंदीप उर्फ मदिया ने ही ऐसी अफवाह फैलाई थी। लेकिन पुलिस की टीमें लगातार मंदीप उर्फ मदिया के पीछे लगी हुई है। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि मुकुंदगढ़ के चूड़ी अजीतगढ़ क्षेत्र में डेनिस बावरिया के अपहरण और हत्या की रात को ही हुए हादसे में मुकुंदगढ़ थाने के हिस्ट्रीशीटर समेत दो जनों की मौत का भी अब तक डेनिस बावरिया की वारदात से कोई कनेक्शन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर इसे लेकर भी अफवाह फैलाई गई कि जो हिस्ट्रीशीटर मुकुंदगढ़ थाना इलाके में सड़क हादसे में मारा गया। वो डेनिस बावरिया के अपहरण और मर्डर मामले में शामिल था। जो इस वारदात करने के बाद भाग रहा था और सड़क हादसे में उसकी जान चली गई।

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