









नवलगढ़ । झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
शहर के छोटा बस स्टैंड के पास दीपावली की रात करीब नौ बजे बाइक पर अपने घर जा रहे युवक कैलाश माहिच (35) पुत्र ईश्वरलाल मेघवाल निवासी वार्ड 11 छोटा बस स्टैंड नवलगढ़ को कुछ बदमाश जबरन अपहरण कर कैंपर गाड़ी में डाल ले गए। त्यौहार के दिन अचानक हुए अपहरण की खबर फैलते ही शहर में दहशत का माहौल हो गया। काफी तलाश करने के बाद भी कैलाश का पता नहीं चला। अगले दिन सुबह किसी ने पुलिस को सूचना दी कि छोटी बिड़ोदी के पास जोहड़ी में एक व्यक्ति घायल अवस्था में पड़ा हुआ है। इसके बाद 108 एंबुलेंस उसे लेकर नवलगढ़ जिला अस्पताल पहुंची तो घायल व्यक्ति की पहचान छोटा बस स्टैंड निवासी कैलाश माहिच के रूप में हुई। चिकित्सकों ने तुरंत घायल का उपचार शुरू किया तो अन्य गंभीर चोटों के अलावा कैलाश का एक्स रे किया तो दोनों पैर में फ्रेक्चर मिले। कैलाश ने बताया कि इन लोगों ने बिड़ौदी की जोहड़ी में ले जाकर सरियों और डंडों से ताबड़ तोड़ मारपीट कर अधमरा करके छोड़ गए। गंभीर हालत होने पर नवलगढ़ जिला अस्पताल से कैलाश को सीकर रैफर कर दिया गया। सीकर में भी चिकित्सकों ने सोमवार रात्रि को ही जयपुर के लिए रैफर कर दिया गया। कैलाश जयपुर एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती है जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
पर्चा बयान के आधार पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
अस्पताल में नवलगढ़ थानाधिकारी सीआई राधेश्याम सांखला ने पुलिस टीम के साथ पहुंचकर लिए गए पर्चा बयान लिया। मारपीट की घटना के पीड़ित कैलाश माहिच ने पुलिस को बताया कि दीपावली की रात सोमवार को करीब 8.30 बजे मैं व मेरा दोस्त महेंद्र सैनी जयपुरिया स्कूल के पास से मोटरसाइकिल पर घर जा रहे थे। तभी एक बिना नंबर की कैंपर गाड़ी मोटरसाइकिल के आगे लगाकर छोटी बिड़ौदी निवासी संदीप भास्कर व 4-5 अन्य ने जबरन कैंपर में डालकर अपहरण कर लिया। छोटी बिड़ौदी के जोहड़ में ले जाकर पाइपों व सरियों से मारपीट की। पुलिस ने पर्चा बयान के आधार पर जाने लेवा हमला तथा एससी, एसटी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामले की कहानी, कैलाश की जुबानी
मारपीट के पीडि़त कैलाश माहिच ने बताया कि उसकी शादी नूनियां गोठड़ा निवासी संगीता से वर्ष 2011 में हुई थी। जिससे उनके 12 वर्षीय पुत्र व सात वर्षीय पुत्री सहित दो बच्चे भी हैं। करीब चार वर्ष पूर्व उसकी पत्नी छोटी बिड़ौदी निवासी संदीप से गुपचुप दोस्ती के चलते बच्चों व पति को छोड़कर संदीप के साथ चली गई और उसके साथ लिव इन में रहने लगी। दीपावली के दिन वह अचानक कैलाश के घर नवलगढ़ पहुंची। कैलाश ने उसे घर से निकल जाने के लिए कहा तो बोली कि वह बच्चों से मिलने आई है। इसी दौरान दोनों में तीखी नोंक झोंक हुई और कैलाश को जान से मारने व हाथ पांव तुड़वाने की धमकी देकर संगीता वहां से चली गई। कुछ ही घंटों बाद रात को कैलाश का अपहरण कर लिया गया।














